शशांक मनोहर से जुड़ी कुछ रोचक बातें

Updated: Sun, Oct 04 2015 11:29 IST

शशांक मनोहर बीसीसीआई के नए अध्यक्ष बन गए हैं। यह दूसरा मौका है जब शशांक मनोहर अध्यक्ष पद संभाल रहे हैं। इस मौके पर आइए जानते हैं शशांक मनोहर से जुड़ी कुछ रोचक बातें-

# शशांक मनोहर का जन्म 29 सितंबर 1957 में नागपुर में हुआ था।

# शशांक मनोहर ने साल 1996 में विदर्भ क्रिकेट संघ के अध्यक्ष बने थे और पहली बार क्रिकेट प्रशासनिक अधिकारी से रूप में खुद की पारी की    शुरुआत करी थी।

# शशांक मनोहर वैसे वकील हैं औऱ बहुत कम बात करते हैं लेकिन जब कभी भी किसी मुद्दे पर अपनी राय रखते हैं तो वो बिल्कुल सही और किसी   की परवाह किए बिना रखते हैं।

# शशांक मनोहर ने अपने नेतृत्व में यदि किसी मुद्दे पर फैसला लेना हो तो तनिक भी समय नहीं लेते हैं औऱ उचित समय पर निर्णय लेते हैं। जिसके कारण शशांक मनोहर को कई बार अपने फैसले पर पीछे भी हटना पड़ा है। आपको याद हो कि जिस वक्त मनोहर बीसीसीआई के अध्यक्ष थे तो उन्होंने ही एक समय में आईपीएल में रही फ्रेंचाइजी कोच्चि औऱ पुणे की टीम को आईपीएल से बाहर करने में खास भूमिका निभाई थी।

# शशांक मनोहर के साथ सबसे दिलचस्प बात ये है कि वह अपने पास मोबाइल फोन नहीं रखते हैं और साथ ही मीडिया से बेहद कम ही बात करते हैं।

# शशांक मनोहर को भारतीय क्रिकेट का मिस्टर क्लीन भी कहा जाता है।

# शशांक मनोहर को बीसीसीआई में अबतक के सर्वश्रेष्ठ अध्यक्ष के तौर पर जाना जाता है। जगमोहन डालमिया के बाद शशांक मनोहर को सर्वश्रेष्ठ अध्यक्ष का तमगा हासिल है।

# शशांक मनोहर के अध्यक्ष रहते ही भारतीय क्रिकेट टीम ने वर्ल्ड कप 2011 जीती थी तो वहीं टेस्ट क्रिकेट में पहली बार भारतीय क्रिकेट टीम      नंबर वन पर पहुंची थी।

# शशांक मनोहर के पास 2007 तक पासपोर्ट तक नहीं था। शशांक मनोहर पहली बार 2008 में आईसीसी की बैठक में भाग लेने दुबई गए थे। शशांक मनोहर पहली बार विदेश यात्रा पर गए थे।

# जिस वक्त शशांक मनोहर बीसीसीआई के अध्यक्ष थे तो आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल में रहने औऱ कमेंटरी भुगतान को लेकर सुनिल गावस्कर के साथ उनके पैमेंट को लेकर अच्छा खासा विवाद हुआ था। गावस्कर को करोड़ो रूपयें का भुगतान करने से मनोहर ने ही मना कर दिया था।

# शशांक मनोहर इससे पहले 2008 से 2011 तक बीसीसीआई के अध्यक्ष पद पर  थे।

# साल 2004 में जब शशांक मनोहर विदर्भ क्रिकेट संघ में थे तो उनके ही इशारे पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच में उस समय के कप्तान रहे सौरव गांगुली और टीम के विरोध के बावजूद तेज पिच बनवाई थी। यही वो वक्त था जब गांगुली ने इसका विरोध किया और बदले में गागुली से कप्तानी से हटाकर राहुल द्रविड़ को कप्तान बना दिया गया था। भारतीय टीम ये मैच 342 रन से हार गई थी।

# 4 अक्टूबर 2015 को एक बार फिर शशांक मनोहर बीसीसीआई के अध्यक्ष पद पर बिना किसी विरोध के काबिज हुए। यहां भी एक दिलचस्प बात ये हुई की सौरव गांगुली ने ही शशांक मनोहर को बीसीसीआई के अध्यक्ष पद के लिए नॉमिनेट किया।

# शशांक मनोहर बीसीसीआई के अध्यक्ष पद पर अपनी सेकेंड इनिंग का कार्यभार 2015 से 2017 तक संभालेगें।

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