आईपीएल : टॉप भारतीय गेंदबाज की हैट्रिक पर कप्तान ने खुशी से पूछा- क्या इनाम चाहिए तो क्या मांगा गेंदबाज ने?
Cricket Tales | क्रिकेट (IPL) के अनसुने दिलचस्प किस्से - आईपीएल टीम दिल्ली कैपिटल्स के 50% पार्टनर जिंदल ग्रुप का टीम मैनेजमेंट में प्रतिनिधित्व करते हैं पार्थ जिंदल जो आईपीएल में सबसे कम उम्र के फ्रेंचाइजी मालिकों में से एक हैं। उनसे पूछा गया कि अगर कभी उन्हें, डीसी (दिल्ली डेयरडेविल्स को मिलाकर) के खिलाड़ियों में से किसी की मूर्ति दिल्ली के किसी स्टेडियम के बाहर लगाने का मौका मिले तो वे किसे चुनेंगे? उनका जवाब आपको हैरान कर देगा- उन्होंने कहा वे अमित मिश्रा को चुनेंगे। वे चाहते तो किसी बड़े प्रोफाइल या बड़ी नेटवर्थ वाले क्रिकेटर को चुन सकते थे पर वे जानते हैं कि आईपीएल में दिल्ली के लिए अमित मिश्रा का योगदान क्या है?
वे गलत नहीं हैं पर आईपीएल में भावनाओं के लिए कोई जगह नहीं- इसीलिए अपने इस दिग्गज क्रिकेटर को इस साल के नीलाम में दिल्ली कैपिटल्स ने भी नहीं खरीदा। आईपीएल के पहले सभी 14 सीजन में खेले इस स्पिनर का नाम इस साल की लाइन अप से गायब है- अपने करियर के दौरान उन्होंने दिल्ली, हैदराबाद और डेक्कन चार्जर्स का प्रतिनिधित्व किया। रिकॉर्ड- 154 आईपीएल मैचों में 7.35 के इकॉनमी रेट से 166 विकेट (भारतीय गेंदबाजों में सबसे ज्यादा)। टूर्नामेंट में उनसे ज्यादा विकेट सिर्फ लसिथ मलिंगा (170) और ड्वेन ब्रावो (177- 17 अप्रैल तक) के नाम हैं।
जिस एक आईपीएल रिकॉर्ड के लिए उन्हें सबसे ज्यादा चर्चा मिलती है, वह है तीन हैट्रिक का : 2008 सीजन में डेक्कन चार्जर्स के विरुद्ध दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए, 2011 सीजन में किंग्स इलेवन पंजाब के विरुद्ध डेक्कन चार्जर्स के लिए और 2013 सीजन में पुणे वॉरियर्स इंडिया के विरुद्ध सनराइजर्स हैदराबाद के लिए। कहां लंबे आईपीएल करियर में ढेरों गेंदबाज को एक हैट्रिक नसीब नहीं हुई- वे तीन हैट्रिक बना गए।
इन्हीं में से सबसे पहली हैट्रिक की बात करते हैं। सीजन तो ये पहला था पर हैट्रिक दूसरी थी- मैच नंबर 37 में बनी। मैच नंबर 31 में एल बालाजी हैट्रिक बना चुके थे। दिल्ली ने पहले बैटिंग की और 194-4 का बड़ा स्कोर बनाया- गौतम गंभीर 79 और शिखर धवन 68* जबकि कप्तान वीरेंद्र सहवाग 0 पर आउट हुए थे। डेक्कन चारजर्स को 182-9 पर ही रोक दिया और इसमें अमित मिश्रा ने सनसनीख़ेज गेंदबाजी करते हुए 4 ओवर में 5-17 के आंकड़े दर्ज किए। इसमें हैट्रिक भी थी।
कप्तान सहवाग का अमित मिश्रा की गेंदबाजी पर भरोसा तो देखिए- आख़िरी ओवर में डेक्कन चारजर्स को सिर्फ 15 रनों की जरूरत थी और ओवर किसी पेसर को नहीं, अमित मिश्रा को दे दिया। पहली तीन गेंद- तेजा, प्रज्ञान ओझा और आरपी सिंह आउट। आईपीएल की दूसरी हैट्रिक बनी।
दिल्ली ने मैच जीत लिया। दिल्ली को तब एक जीत की सख्त जरूरत थी। कप्तान सहवाग इस जीत से बड़े खुश थे और खुशी के उसी जोश में अमित मिश्रा से पूछ लिया- 'तुम्हें क्या इनाम चाहिए?'
जवाब सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। अमित मिश्रा ने कहा- 'वीरू भाई ! प्लीज मेरी सेलेरी बढ़वा दो!' उस सीजन में भी खिलाड़ियों को करोड़ों रुपये के कॉन्ट्रैक्ट मिले थे पर दिल्ली ने अमित मिश्रा को सिर्फ 12 लाख रूपये में ले लिया था। न सहवाग कुछ कर सकते थे और न हुआ। 2011 सीजन में अमित मिश्रा को नई टीम डेक्कन चारजर्स ने खरीद लिया नीलाम में और इस बार कॉन्ट्रैक्ट मिला 1.38 करोड़ रुपये का। उनका आख़िरी आईपीएल कॉन्ट्रैक्ट सिर्फ 4 करोड़ रूपये का था जो उनके आईपीएल रिकॉर्ड को देखते हुई कतई 'बड़ा' नहीं था और ये कहना ज्यादा ठीक होगा- उनकी टैलेंट की सही कीमत उन्हें कभी नहीं मिली।
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बहुत शांत, हर किसी से धीरे से बात करते हैं, बहुत जल्दी सबके साथ घुल मिल जाते हैं- इसलिए साथियों के चहेते। जब उनकी गेंद को पीटा जाता है, तो साथी खिलाड़ी भी उनके दर्द को महसूस करते हैं। जब विकेट लेते हैं तो सभी उनके लिए खुश होते हैं। इसीलिए मूर्ति के लिए अगर दिल्ली कैपिटल्स की पहली पसंद वे हैं तो कोई हैरानी की बात नहीं।