5 भारतीय खिलाड़ी जिनका समय से पहले ही खत्म हो गया करियर, चयनकर्ताओं से उलझना पड़ा भारी
इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताने की कोशिश करेंगे उन 5 अनलकी बल्लेबाजों के बारे में जिनको चयनकर्ताओं के फैसले के खिलाफ बोलना भारी पड़ा था।
इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताने की कोशिश करेंगे उन 5 अनलकी बल्लेबाजों के बारे में जिनको चयनकर्ताओं के फैसले के खिलाफ बोलना भारी पड़ा और उसके बाद दोबारा कभी भी उन्हें टीम इंडिया में मौका नहीं मिला।
अंबाती रायडू: शानदार बल्लेबाज अंबाती रायडू को भी चयनकर्ताओं के खिलाफ बयान देना भारी पड़ा था। आईसीसी विश्वकप 2019 के दौरान अंबाती रायडू की जगह विजय शंकर को टीम में शामिल करते हुए मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने कहा था कि शंकर टीम को थ्री डी आयाम प्रदान करेंगे। इस बयान के बाद रायडू ने चयनकर्ताओं पर तंज कसते हुए ट्वीट करते हुए लिखा, 'मैंने थ्री डी चश्मे का पेयर ऑर्डर किया है विश्व कप देखने के लिए।' इसके बाद अंबाती रायडू को विजय शंकर व शिखर धवन के इंजर्ड होने के बावजूद टीम में मौका नहीं मिला था।
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मुरली विजय: टेस्ट टीम के महत्वपूर्ण खिलाड़ियों में से एक मुरली विजय को अचानक टीम से ड्रॉप किया गया था। 2018 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जब टीम इंडिया गई तब पहले मैच में खिलाने के बाद मुरली विजय को बेंच पर बैठाया गया और फिर टीम से ही ड्रॉप कर दिया। इसके बाद मुरली विजय ने चयनकर्ताओं के फैसले पर सवाल खड़े किए थे। मुरली विजय ने कहा था, 'कम से कम मुझे बताना तो चाहिए किस वजह से मुझे ड्रॉप किया गया है।' यह बयान मुरली विजय को भारी पड़ा और दोबारा कभी उन्हें भारत के लिए खेलने का मौका ही नहीं मिला।
वसीम जाफर: घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने वाले वसीम जाफर को जब टीम से ड्रॉप किया गया था तब उन्होंने चयनकर्ताओं पर सवाल उठाते हुए कहा था, 'मुझे नहीं पता कि चयनकर्ताओं को कैसे प्रभावित किया जाए। मैंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 13,000 से अधिक रन बनाए हैं और पिछले रणजी सत्र में 1,260 रन बनाए हैं। मुझे नहीं लगता कि चयनकर्ताओं ने इस पर ध्यान दिया है।' इस बयान के बाद वसीम जाफर को टीम में दोबारा मौका नहीं मिला था।