पहले टी-20 में 9:30 बजे होना था पिच का निरीक्षण,लेकिन इतने बजे कई खिलाड़ी स्टेडियम से जा चुके थे
नई दिल्ली, 6 जनवरी | गुवाहाटी के बरसापारा स्टेडियम में रविवार को भारत और श्रीलंका के बीच मैच में बारिश ने बाधा डाल दी थी। बाारिश रुकने के बाद मैदान की स्थिति परखने के लिए अंतिम निरीक्षण रात 9:30 बजे
नई दिल्ली, 6 जनवरी | गुवाहाटी के बरसापारा स्टेडियम में रविवार को भारत और श्रीलंका के बीच मैच में बारिश ने बाधा डाल दी थी। बाारिश रुकने के बाद मैदान की स्थिति परखने के लिए अंतिम निरीक्षण रात 9:30 बजे रखा गया था, इसके 24 मिनट बाद मैच को रद्द करने का फैसला लिया गया था, लेकिन असम क्रिकेट संघ (एसीए) के सचिव देवजीत सैकिया ने बताया है कि अधिकतर खिलाड़ी नौ बजे ही मैदान छोड़ गए थे।
सैकिया ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि वह भी इस बात से हैरान हैं कि अंपायर चेट्टीथोडी शम्सुद्दीन, नितिन मेनन, अनिल चौधरी और मैच रेफरी डेविड बून ने आखिरी कैसे निरीक्षण का समय 9:30 रखा जबकि ज्यादतर खिलाड़ी नौ बजे मैदान से जा चुके थे।
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उन्होंने कहा, "वैसे, यह मेरे लिए रहस्य है और मुझे इसके बारे में पता लगाना होगा क्योंकि अधिकतर खिलाड़ी नौ बजे जा चुके थे। मैच को रद्द करने की घोषणा देर से इसलिए की गई ताकि दर्शक अनियंत्रित नहीं हो जाएं। यह आम तौर पर पालन किया जाने वाला प्रोटोकॉल है। मैंने आपको कड़वी सच्चाई बताई है।"
सैकिया ने बताया कि मैच अधिकारियों ने ग्राउंडस्टाफ से 8:45 तक मैदान को खेलने के लिए तैयार करने के आदेश दिए थे और कहा था कि अगर ऐसा नहीं हो पाया तो मैच रद्द करना होगा।
उन्होंने कहा, "एक घंटे तीन मिनट तक भारी बारिश जारी रही और अंपायरों ने कहा कि कहा कि उन्हें 8:45 तक मैदान तैयार चाहिए, अन्यथा मैच रद्द करना होगा। ग्रांउडस्टाफ को मैदान सुखाने के लिए सिर्फ 57 मिनट दिए गए। अगर हमारे पास कुछ और समय होता तो हम मैदान तैयार कर देते।"
एसीए सचिव ने साथ ही कहा कि बारिश आने की उम्मीद नहीं थी।
उन्होंने कहा, "यह बारिश बेमौसम थी क्योंकि जनवरी में कभी बारिश नहीं होती है। कल दिन में भी यहां भारी बारिश हुई थी, लेकिन हमने मैदान समय से तैयार कर दिया था और टॉस भी 6:30 बजे हो गया था। मैच भी साथ बजे शुरू होना था लेकिन 6:50 बजे बारिश आ गई जो 7:53 तक चली।"
उन्होंने कहा, "6:30 के बाद मैदान मैच रेफरी और अंपायरों के पास चला गया था और वही लोग हमारे क्यूरेटरों को आदेश दे रहे थे। अगर हमें एक या डेढ़ घंटा ज्यादा दिया जाता तो मैदान तैयार हो गया होता।"