इंग्लैंड के पूर्व दिग्गज ऑलराउंडर एंड्रयू फ्लिंटॉफ ने 'द हंड्रेड' टूर्नामेंट में नॉर्दर्न सुपरचार्जर्स की कोचिंग छोड़ने का फैसला किया है। उन्होंने ये कदम टीम के नए मालिक सन ग्रुप से अनुबंध बातचीत विफल होने के बाद उठाया। फ्लिंटॉफ का कहना है कि उन्हें जो नया प्रस्ताव दिया गया, उसमें उनके काम और योगदान को ठीक से नहीं आंका गया।
फ्लिंटॉफ ने खुलासा किया कि जो सैलरी उन्हें ऑफर की गई, वो दूसरे कोचों की तुलना में सिर्फ एक-चौथाई के आसपास थी। इस वजह से उन्होंने वो शर्तें मानने से साफ इनकार कर दिया। वो पिछले दो सीज़न से टीम के कोच थे और उनके मार्गदर्शन में टीम ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए एक बार एलिमिनेटर तक पहुंची और दूसरी बार तीसरे स्थान पर रही थी।
फ्लिंटॉफ ने एक पॉडकास्ट में कहा, “मैं पैसे के लिए कोचिंग नहीं करता, लेकिन जब आपकी तुलना में दूसरों को कहीं ज़्यादा भुगतान मिल रहा हो, तो आप भी सम्मान की उम्मीद करते हैं। मुझे लगा कि मैं इससे ज़्यादा का हकदार हूं। जब मैंने साफ कर दिया कि यह मेरे लिए उपयुक्त नहीं है, तो वो इस पर आगे नहीं बढ़े।”