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बंगाल क्रिकेट संघ को मिला ऐसा बेनाम पत्र जिसे पढ़कर गांगुली हुए गुस्सा

9 अगस्त। एक बेनाम पत्र ने बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) के लोकपाल उशांथ बनर्जी और राज्य बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली के बीच चयनकर्ताओं पलाश नंदी और मदन घोष के हितों के टकराव को लेकर विवाद गहरा दिया है।  दिनेश कार्तिक की

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बंगाल क्रिकेट संघ को मिला ऐसा बेनाम पत्र जिसे पढ़कर गांगुली हुए गुस्सा
बंगाल क्रिकेट संघ को मिला ऐसा बेनाम पत्र जिसे पढ़कर गांगुली हुए गुस्सा (Twitter)
Vishal Bhagat
By Vishal Bhagat
Aug 09, 2018 • 05:54 PM

इसके अलावा पत्र में कहा गया कि हाल ही में जूनियर से सीनियर चयन समिति में आए घोष भी नंदी के साथ उसी कैम्प में जुड़े हुए हैं और उन्होंने पहले सीएबी की व्हाइट बॉर्डर क्लब बैठक में भी हिस्सा लिया था। 

इस मामले से जुड़े एक सूत्र ने कहा, "सीएबी ने इस मामले में लंबे समय से कुछ नहीं किया है। पत्र आने से पहले दोनों के लिए यह बात आम थी। पत्र आने के बाद इन दोनों से काफी लोग नाराज हैं और उनकी शिकायत भी कर रहे हैं।"

गांगुली के पास यह पत्र पहुंचा और उन्होंने बनर्जी से कहा है कि वे इस पत्र को ज्यादा तवज्जो नहीं दें क्योंकि इसे किसने भेजा है यह पता नहीं है। 

गांगुली ने लिखा, "बंगाल क्रिकेट संघ इस तरह के बेनाम पत्रों को तवज्जो नहीं देता है और आप इस संस्थान का अहम हिस्सा हैं इसलिए आपको भी इस बात को मानना चाहिए। मुझे लगता है कि आप इसके जवाब देने के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।"

बनर्जी ने हालांकि कुछ ही देर में कड़े शब्दों में पलटवार किया। यह चार पेज का पत्र मीडिया में भी बांटा गया। 

बनर्जी ने भारत के पूर्व कप्तान को पत्र लिखकर कहा, "यह बात सभी को पता है कि बोर्ड में पारदर्शिता बरतने के लिए इस बेनाम पत्र का संज्ञान लेना चाहिए।"

अपने पत्र में बनर्जी ने कई ऐसे उदाहरण दिए हैं जहां न्यायापालिका ने ऐसे ही बेनाम पत्र पर संज्ञान लिया हो। 

बनर्जी ने लिखा, "मैं आपसे अपील करता हूं कि आप सीएबी की नीति के बारे में बताएं और यह भी बताएं कि इसे कब लागू किया गया।" एक वरिष्ठ वकील से बात करने पर उन्होंने बताया कि यह मुद्दा सुलझ चुका है। उन्होंने हालांकि आगे कोई भी जानकारी देने से मना कर दिया। 

Vishal Bhagat
By Vishal Bhagat
August 09, 2018 • 05:54 PM

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