VIDEO: फॉलोथ्रू में कमाल कर गए अश्विन, मैक्सवेल का पावर शॉट भी नहीं बचा सका उन्हें अश्विन की पकड़ से
धोनी की टीम को मुश्किल वक्त में राहत दिलाने का काम किया रविचंद्रन अश्विन ने, जब उन्होंने एक ही ओवर में नेहल वढेरा और ग्लेन मैक्सवेल को पवेलियन भेजा।

धोनी की टीम को मुश्किल वक्त में राहत दिलाने का काम किया रविचंद्रन अश्विन ने, जब उन्होंने एक ही ओवर में नेहल वढेरा और ग्लेन मैक्सवेल को पवेलियन भेजा। खासतौर पर मैक्सवेल का कैच तो कमाल का रहा—मिडिल-लेग पर पड़ी तेज़ शॉट को अश्विन ने फॉलोथ्रू में पहले दाएं हाथ से रोका, फिर फुर्ती दिखाते हुए बाएं हाथ और शरीर के सहारे कैच पूरा कर लिया।
पंजाब किंग्स के खिलाफ मैच की शुरुआत में रवीचंद्रन अश्विन की जमकर धुनाई हुई, लेकिन तीसरे ओवर में उन्होंने करिश्मा कर दिखाया। इस ओवर में अश्विन ने पहले नेहल वढेरा को आउट किया और फिर अगली ही गेंदों में ग्लेन मैक्सवेल का शिकार कर लिया। खास बात ये रही कि मैक्सवेल का कैच अश्विन ने खुद अपनी ही गेंदबाज़ी पर लपका – और वो भी बेहद जबरदस्त अंदाज़ में।
Also Read
यहां देखें VIDEO:
मैक्सवेल ने मिडिल और लेग पर आई फ्लाइटेड गेंद को सीधा हिट किया, लेकिन अश्विन ने फॉलोथ्रू में शानदार फुर्ती दिखाते हुए पहले दाएं हाथ से कैच पकड़ने की कोशिश की, फिर गेंद छूटने के बाद बाएं हाथ और शरीर का इस्तेमाल करके कैच को पूरा किया। यह मैक्सवेल के खिलाफ अश्विन की T20 में 7वीं बार विकेट थी। इतने बार किसी एक गेंदबाज़ के खिलाफ आउट होना... मैक्सवेल के लिए भी चिंता की बात है।
हालांकि अश्विन ने दो विकेट लेकर चेन्नई को मैच में वापसी दिलाई, लेकिन अंत में प्रियांश आर्य और शशांक सिंह ने ऐसा बल्ला घुमाया कि अश्विन का स्पेल भी महंगा साबित हुआ – 4 ओवर में 48 रन लुटा बैठे।
Also Read: Funding To Save Test Cricket
मैच की बात करें तो आईपीएल 2025 के 22वें मुकाबले में पंजाब किंग्स ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ 219 रन का पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा कर दिया। टीम की इस तूफानी पारी के हीरो रहे प्रियांश आर्य, जिन्होंने सिर्फ 42 गेंदों में 103 रन ठोककर धमाल मचा दिया। एक वक्त पर पंजाब 83/5 के संकट में थी, लेकिन प्रियांश की आतिशी बल्लेबाज़ी और शशांक सिंह (52) की संभली हुई पारी ने टीम को मज़बूती दी। अंत में मार्को यानसन ने भी 19 गेंदों में 34 रन जड़कर स्कोर को और तेज़ी दी। चेन्नई की गेंदबाज़ी और फील्डिंग दोनों ही बेहद फीकी रहीं।