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AUS vs IND: वॉशिंगटन सुंदर की शानदार पारी के बाद भी निराश हैं उनके पिता, जानें कारण

वॉशिंगटन सुंदर ने अपने करियर का पहले ही टेस्ट मैच में अहम मुकाम पर 144 गेंदों पर 62 रनों की शानदार पारी खेली। सब ओर उनकी तारीफ हो रही है लेकिन उनके पिता-एम. सुंदर शतक पूरा नहीं होने से निराश

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Washington Sundar's father disappointed after brilliant innings
Washington Sundar's father disappointed after brilliant innings (Washington Sundar (Image Source: Google))
IANS News
By IANS News
Jan 17, 2021 • 07:16 PM

वॉशिंगटन सुंदर ने अपने करियर का पहले ही टेस्ट मैच में अहम मुकाम पर 144 गेंदों पर 62 रनों की शानदार पारी खेली। सब ओर उनकी तारीफ हो रही है लेकिन उनके पिता-एम. सुंदर शतक पूरा नहीं होने से निराश हैं।

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January 17, 2021 • 07:16 PM

सुंदर के अलावा शार्दूल ठाकुर ने भी इस मैच में अर्धशतक लगाया और ब्रिस्बेन टेस्ट के तीसरे दिन भारत को बड़े अंतर से पिछड़ने से बचाया। दोनों ने सातवें विकेट के लिए 123 रनों की साझेदारी। दोनों ऑस्ट्रेलिया में सातवें विकेट के लिए शतकीय साझेदारी करने वाले चौथे भारतीय जोड़ीदार बने।

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इन की बहादुरी, संयम और साहस की ओर तारीफ हो रही है लेकिन सुंदर के पिता को लगता है कि उनके बेटे को शतक पूरा करना चाहिए था क्योंकि उसमें बल्लेबाजी की काबिलियत है।

चेन्नई से फोन पर बात करते हुए एम. सुंदर ने कहा, "मैं निराश हूं कि वह शतक पूरा नहीं कर सका। जब सिराज आए थे तब उसे चौके और छक्के लगाने चाहिए थे। वह यह कर सकता था। उसे पुल करना चाहिए था और बड़े शॉट्स लगाने चाहिए थे। और कुछ नहीं तो उसे ऑस्ट्रेलिया के स्कोर की बराबरी करने की कोशिश करनी चाहिए थी।"

एम. सुंदर ने कहा कि रोजाना उनकी बेटे से बात होती और एक दिन पहले भी हुई थी। उन्होंने कहा, "मैंने उससे कहा था कि मौका मिले तो बड़ा स्कोर खेलना। उसने कहा था कि वह जरूर खेलेगा।"

सुंदर से पहले भारत के लिए टेस्ट मैचों में डेब्यू के साथ अर्धशतक लगाने के साथ-साथ तीन या उससे अधिक विकेट लेने का कारनामा अब तक सिर्फ दो खिलाड़ी कर सके थे। इनमें से एक दत्तू फडकर भी थे, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया का पहली बार दौरा करने वाली भारतीय टीम के लिए यह कारनामा किया था।

एम, सुंदर ने कहा कि उनके बेटे को सातवें क्रम पर खेलने का मौका मिला, यह अलग बात है पर वह स्वाभावित तौर पर ओपनिंग बल्लेबाज है। पिता ने कहा, "वह नेचुरल ओपनिंग बल्लेबाज है। उसने नई गेंद से ढेरों रन बनाए हैं।"

एम. सुंदर ने अपने बेटे का नाम अपने मेंटा1र पीडी वॉशिंगटन के नाम पर रखा था क्योंकि इस मेंटॉर ने एम. सुंदर को तमिलनाडु की रणजी टीम में शामिल होने के लिए तैयार किया था और वह सम्भावित टीम में चुने भी गए थे लेकिन बीमारी के कारण रणजी खेल नहीं सके थे।

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