दूसरे टेस्ट से पहले रवि शास्त्री ने कहा, मिली हार से काफी कुछ सीखने का मौका मिला, अब होगी वापसी !
28 फरवरी। भारतीय टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने माना है कि वेलिंग्टन में खेले गए पहले टेस्ट मैच में उनकी टीम पूरी तरह से न्यूजीलैंड के सामने नतमस्तक हो गई थी, लेकिन उस हार ने टीम को सुधार के
28 फरवरी। भारतीय टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने माना है कि वेलिंग्टन में खेले गए पहले टेस्ट मैच में उनकी टीम पूरी तरह से न्यूजीलैंड के सामने नतमस्तक हो गई थी, लेकिन उस हार ने टीम को सुधार के लिए मजबूर किया और वह अब दूसरे टेस्ट मैच में बेहतर होकर उतरेगी। भारत और न्यूजीलैंड के बीच दूसरा टेस्ट मैच शनिवार से हेग्ले ओवल मैदान पर शुरू हो रहा है। पहले टेस्ट मैच में भारत को 1-0 से हार मिली थी।
शास्त्री ने मैच से पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा, "हम पहले टेस्ट मैच में बुरी तरह से नकार कर दिए गए थे, लेकिन मुझे हमेशा से लगता है कि इस तरह की चीजें होना कई बार अच्छा होता है। इससे आपकी मानसिकता खुलती है।"
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उन्होंने कहा, "अगर आपने हार नहीं चखी है तो आपकी मानसिकता एक तरह से तय रहेगी। यहां, जो हुआ वो अच्छा था क्योंकि इसने आपको सीखने का मौका दिया है।"
उन्होंने कहा, "आप जानते हैं कि न्यूजीलैंड क्या कर रही है और उससे क्या उम्मीद की जा सकती है। यह हमारे लिए अच्छी सीख थी और अब खिलाड़ी चुनौती के लिए तैयार हैं।"
कोच ने साथ ही कहा कि बेसिन रिजर्व मैदान पर मिली हार के बाद टीम विचलित नहीं है।
उन्होंने कहा, "एक हार का यह मतलब नहीं है कि हमें घबराने की जरूरत है। टीम तैयार है, वह जानते हैं कि क्या हो सकता है और वो इसके लिए तैयार हैं।"
अगले दो साल लगातार टी-20 विश्व कप खेले जाने हैं लेकिन टीम के कोच ने कहा है कि टेस्ट क्रिकेट हमेशा उनके एजेंडा में सबसे ऊपर रहेगा।
उन्होंने कहा, "मैं वनडे और टेस्ट क्रिकेट पर कोई फैसला नहीं दूंगा क्योंकि दोनों अलग हैं। हमारे लिए, इस समय वनडे ज्यादा प्राथमिकता नहीं है। इसका कारण हमारा कार्यक्रम और अगले दो साल में होने वाले टी-20 विश्व कप हैं। हां, हमारा सबसे पहले ध्यान टेस्ट क्रिकेट पर है और इसके बाद टी-20 पर।"
कोच से जब टीम के घर से बाहर अच्छा न कर पाने का कारण पूछा गया तो शास्त्री ने कहा कि समस्या सिर्फ टेस्ट में है।
उन्होंने कहा, "यह टेस्ट की बात है। टेस्ट और सीमित ओवरों की स्थितियां काफी अलग होती हैं। टूर करते हुए सफेद गेंद से खेलना और लाल गेंद से खेलना पूरी तरह से अलग है, खासकर इंग्लैंड और न्यूजीलैंड में।