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IPL 2019: चेन्नई सुपर किंग्स टीम की कमजोरी और ताकत पर एक नजर (टीम प्रोफाइल)

22 फरवरी। चेन्नई सुपर किंग्स इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के इतिहास की सबसे सफल टीम है। महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली इस टीम ने अभी तक तीन खिताब अपने नाम किए हैं तो वहीं चार बार यह टीम उप-विजेता रही

Vishal Bhagat
By Vishal Bhagat February 22, 2019 • 16:47 PM
IPL 2019: चेन्नई सुपर किंग्स टीम की कमजोरी और ताकत पर एक नजर (टीम प्रोफाइल) Images
IPL 2019: चेन्नई सुपर किंग्स टीम की कमजोरी और ताकत पर एक नजर (टीम प्रोफाइल) Images (Twitter)
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22 फरवरी। चेन्नई सुपर किंग्स इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के इतिहास की सबसे सफल टीम है। महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली इस टीम ने अभी तक तीन खिताब अपने नाम किए हैं तो वहीं चार बार यह टीम उप-विजेता रही है। 

बीते साल इस टीम ने दो साल के प्रतिबंध के बाद लीग में वापसी की थी और अपनी बादशाहत को एक बार फिर दर्शाते हुए खिताब जीता था। अब 23 मार्च से लीग का 12वां संस्करण शुरू होने जा रहा। ऐसे में एक बार फिर यह टीम अपने खिताब को बचाने के लिए तैयार है। 

इस टीम की खास बात यह है कि इसने अभी तक आईपीएल के 11 संस्करणों में से नौ सीजन खेले हैं और यह टीम अभी तक सभी बार प्लेऑफ में जगह बना पाने में सफल रही है। 

इसी कारण कोई भी टीम उसे हल्के में नहीं ले सकती क्योंकि आईपीएल की हर टीम चेन्नई की काबिलियत से वाकिफ है। बीते सीजन जो टीम थी उसमें ज्यादा बदलाव नहीं हुए हैं और लगभग वही खिलाड़ी इस सीजन में भी नजर आएंगे। 

इस सीजन टीम ने मोहित शर्मा को अपने साथ जोड़ा है। मोहित पहले भी चेन्नई का हिस्सा रह चुके हैं और कप्तान धोनी के भरोसेमंद खिलाड़ियों में से एक हैं। वहीं महाराष्ट्र के ऋतुराज गायकवाड़ भी धोनी की टीम में शामिल किए गए हैं।

चेन्नई की खासियत हमेशा से उसकी टीम में मौजूद गहराई रही है। चाहे वो बल्लेबाजी में हो या गेंदबाजी। दोनों जगह टीम के पास अच्छे विकल्प हैं। इसका एक कारण उसके पास मौजूदा हरफनमौला खिलाड़ियों की फौज है। 

चेन्नई के पास ड्वायन ब्रावो, शेन वाटसन, रवींद्र जडेजा, डेविड विले, दीपक चहर जैसे हरफनमौला खिलाड़ी हैं तो वहीं केदार जाधव, सुरेश रैना जैसे बल्लेबाज हैं जो मौका पड़ने पर गेंद से भी काफी असरदरा साबित हो सकते हैं। यही टीम की असली ताकत है जो उसे लीग का सबसे मुश्किल टीम बनाती है। 

बल्लेबाजी में भी चेन्नई बेहत मजबूत है। शेन वाटसन ने बीते सीजन फाइनल में शतक जमाया था। इस बार भी वह टीम में हैं। उनके अलावा दक्षिण अफ्रीका के कप्तान फाफ डु प्लेसिस सलामी बल्लेबाजी की जिम्मेदारी संभालने को तैयार हैं। डु प्लेसिस लंबे समय से चेन्नई के साथ हैं। डु प्लेसिस के रहने से टीम को अच्छी शुरुआत की उम्मीद रहती है और यह बल्लेबाज टीम को अच्छी शुरुआत देने में सक्षम है। 

पिछले साल हालांकि चेन्नई की सलामी बल्लेबाजी में लगातार बदलाव हुए थे। वाटसन, डु प्लेसिस और अंबाती रायडू ने अलग-अलग जोड़ी बनाकर यह जिम्मेदारी निभाई थी। इन तीनों के अलावा चेन्नई के पास मुरली विजय और सैम बिलिंग्स के रूप में भी दो अतिरिक्त सलामी बल्लेबाज है। अब धोनी सलामी जोड़ी में किन बल्लेबाजों को इस्तेमाल करते हैं और किन्हें मध्यक्रम में लेकर आते हैं यह लीग की शुरुआत के बाद ही पता चलेगा। 

वहीं मध्य क्रम में टीम के पास केदार जाधव, रायडू सुरेश रैना, धोनी, ब्रावो जैसे खिलाड़ी जिन्होंने लगातार अपने आप को आईपीएल में साबित किया है। जाधव बीते साल चोट के कारण आईपीएल में नहीं खेले थे और उनके स्थान पर रायडू को मौैका मिला था। रायूड ने मौका का पूरा फायदा उठाया था और टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। 

अब चूंकि जाधव की टीम में वापसी हो चुकी है तो देखना होगा धोनी इस सीजन में किस संयोजन के साथ जाते हैं। हालांकि रायडू की मौजूदा फॉर्म और बीते सीजन को देखते हुए उनका अंतिम-11 में होना तय माना जा रहा है। 

धोनी के पास गेंदबाजी में भी काफी विकल्प हैं। तेज गेंदबाजी की बात की जाए तो दक्षिण अफ्रीका के लुंगी नगिदि, शार्दूल ठाकुर, मोहित, वाटसन, ब्रावो, दीपक और केएम आसिफ के रूप में टीम के पास ऐसा संयोजन है जो बीते साल काफी सफल रहा है। 

नगिदि ने अपने पहले आईपीएल में छाप छोड़ी थी तो वहीं आसिफ ने कम मैच खेले थे लेकिन कारगार साबित हुए थे। इनके अलावा वाटसन, ब्रावो बल्ले के अलावा गेंद से बेहद प्रभावी साबित हुए थे। 

चेन्नई के पास सिर्फ अच्छे तेज गेंदबाज ही नहीं है बल्कि प्राभवी फिरकी गेंदबाज भी हैं। दक्षिण अफ्रीका के लेग स्पिनर इमरान ताहिर, भारत के अनुभवी हरभजन सिंह और रवींद्र जडेजा के अलावा चेन्नई के पास न्यूजीलैंड के मिशेल सैंटनर और भारत के ही कर्ण शर्मा हैं। 

टी-20 में स्पिनरों का बड़ा योगदान देखा गया है और इस लिहाज से चेन्नई के पास इस श्रेत्र में मजबूती है। 

किसी भी टीम को मजबूत तभी माना जाता है जब वह बल्लेबाजी और गेंदबाजी के साथ ही फील्डिंग में भी मजबूत हो और चेन्नई इस पैमाने पर भी खरी उतरती है। ब्रावो, जडेजा, रैना, डु प्लेसिस से विश्व स्तरीय फील्डर उसके पास है। 

बीते साल चेन्नई को सभी ने बूढ़ों की टीम बताया था, लेकिन टीम ने सभी धारणाओं को गलत साबित कर खिताब अपने नाम किया था। इस बार भी उसकी कोशिश अपनी पुरानी टीम के साथ उसी प्रदर्शन को दोहराने की होगी। 

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