भारतीय क्रिकेटर चेतेश्वर पुजारा ने हाल ही में इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायरमेंट ले ली और अपनी रिटायरमेंट के बाद उन्होंने एक बयान दिया है जिसके बाद सोशल मीडिया पर फैंस दो गुटों में बंट गए हैं। पुजारा का कहना है कि भारतीय टीम वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप पॉइंट्स के लिए रैंक टर्नर पिचों पर खेल रही है और पिछले साल इसी का टीम को खामियाजा भी उठाना पड़ा।
पुजारा ने स्वीकार किया कि टेस्ट चैंपियनशिप चक्र के दौरान नतीजे सुनिश्चित करने के लिए ये पिचें जानबूझकर तैयार की गई थीं, लेकिन उन्होंने कहा कि ये कदम उल्टा साबित हुआ है। पिछले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप चक्र में स्पिन के अनुकूल परिस्थितियों के बावजूद भारत का दांव उल्टा पड़ गया और टीम लगातार हार के बाद फाइनल के लिए क्वालीफाई करने में असफल रही। सबसे बड़ा झटका अक्टूबर 2024 में लगा, जब भारत को न्यूज़ीलैंड ने घरेलू मैदान पर 0-3 से वाइटवॉश कर दिया। 2012 के बाद से घरेलू धरती पर भारत की ये पहली टेस्ट सीरीज़ हार थी।
पुजारा ने इंडिया टुडे से बातचीत के दौरान कहा, "मुझे लगता है कि इसका भारतीय बल्लेबाज़ी और समग्र टेस्ट क्रिकेट पर गहरा प्रभाव पड़ा। इस तरह की पिचें वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के कारण तैयार की गई थीं, जहां टीमें हर मैच से परिणाम चाहती थीं। लेकिन मुझे नहीं लगता कि ये टेस्ट क्रिकेट के लिए आदर्श था। आगे बढ़ते हुए, मुझे यकीन है कि प्रबंधन और इससे जुड़े सभी लोगों ने ये समझ लिया होगा कि जब आप ऐसी पिचें तैयार करते हैं, तो बल्लेबाज़ को रन बनाने के लिए बहुत भाग्य की ज़रूरत होती है। आपको बहादुरी से खेलने के लिए मजबूर होना पड़ता है और तेज़ी से 40, 50 या 60 रन बनाने की कोशिश करनी पड़ती है।"