Cricket Tales - ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेटर मैथ्यू रेनशॉ के नाम पर 'रेनशॉ ब्रेक' - ये क्या है ?
Cricket Tales - 2017 सीरीज का पुणे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ मैथ्यू रेनशॉ ने खेल के बीच ब्रेक लिया था। लंच ब्रेक बिलकुल करीब था पर रेनशॉ की हालत गड़बड़ हो गई और अपना पेट पकड़ लिया। पेट में
Cricket Tales - इन दिनों ऑस्ट्रेलिया की जो टीम भारत टूर पर है उसके एक क्रिकेटर मैथ्यू रेनशॉ हैं- उनके लिए ये टूर कॉल अप है। सबसे पहले उनका क्रिकेट परिचय : 19 साल की उम्र में, क्वींसलैंड के लिए शेफ़ील्ड शील्ड शतक बनाने वाले सबसे कम उम्र के क्रिकेटर बन गए थे। ओपनर बल्लेबाज, 20 साल की उम्र में टेस्ट टीम में आ गए और 6 वीं पारी में पहला शतक (184) बना दिया। सिर्फ 12 फर्स्ट क्लास मैच खेल कर टेस्ट टीम में आए थे। शुरुआती कामयाबी के बाद वैसे रन न बने। भारत आए थे 2017 में भी और तब पहले दो टेस्ट में दो स्कोर 50 वाले थे पर उसके बाद तो कभी रन बने और कभी नहीं। जोहान्सबर्ग टेस्ट के 'बॉल टेम्परिंग केस' के मद्देनजर टेस्ट टीम में लौटे पर वही अंदर-बाहर का सिलसिला चल रहा है।
इस क्रिकेट परिचय में कहीं भी उनके नाम के साथ जुड़े एक अनोखे रिकॉर्ड का जिक्र नहीं होता। एक ऐसी बात, जो कम से कम, इंटरनेशनल क्रिकेट में न तो इससे पहले कभी देखी गई थी और न उसके बाद देखी गई। ऐसी बात- शायद कभी कोई इसमें शामिल नहीं होना चाहेगा? मैथ्यू रेनशॉ अब भारत में हैं और संयोग से ये किस्सा भी उनके पिछले भारत टूर का है।
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2017 सीरीज का पुणे में पहला टेस्ट। स्कोर कार्ड में मैथ्यू रेनशॉ के नाम 68 और 31 रन पर ये स्कोर उस रिकॉर्ड का कतई इशारा नहीं देते जो मैथ्यू रेनशॉ ने बनाया। क्रिकेट लॉ में, खेल में जिन ब्रेक का जिक्र है उनमें 'टॉयलेट ब्रेक' कहीं नहीं लिखा पर विश्वास कीजिए- टेस्ट में खेल के बीच मैथ्यू रेनशॉ ने ये ब्रेक लिया था। कब और कैसे- इसी की टाइम लाइन बनाते हैं :
* वह भारत- ऑस्ट्रेलिया टेस्ट 23 फरवरी को पुणे के महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में शुरू हुआ।
* मेहमान टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की और मैट रेनशॉ-वार्नर ने ओपनिंग की।
* स्कोर 82 था तो वार्नर आउट हुए। कप्तान स्टीव स्मिथ आए रेनशॉ का साथ देने पर तभी काफी परेशान नजर आने लगे। खेल रुक गया और कुछ ही सेकेंड में ग्राउंड पर अजीब सा माहौल बन गया। किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था। क्या हुआ था?
उस दिन सुबह से मैथ्यू रेनशॉ का पेट सही नहीं था पर 'बीमार' नहीं थे इसीलिए टीम में भी इस बारे में किसी को नहीं बताया था। रन बनाते रहे पर प्रेशर बनता रहा और टॉयलेट जाने की जरूरत बढ़ती रही। वे चाहते थे कि किसी तरह से लंच ब्रेक तक रुक जाएं। लंच ब्रेक बिलकुल करीब था पर रेनशॉ की हालत गड़बड़ हो गई और अपना पेट पकड़ लिया। पेट में दर्द भी था। कप्तान स्मिथ को भी ये नहीं मालूम था कि वे पिच पर जिसके साथ खेलने जा रहे हैं, उसे कुछ हुआ है।
मैथ्यू रेनशॉ का पेट ख़राब था और टॉयलेट जाने की बढ़ती जरूरत के बावजूद, वे खेल रहे थे। जब लंच से लगभग 15 मिनट दूर थे तो मामला कंट्रोल से बाहर हो गया- प्रेशर बढ़ता जा रहाथा। रेनशॉ फ़ौरन अंपायर (रिचर्ड केटलबोरो) के पास गए और पूछा- लंच में कितना समय बचा है? जवाब मिला- '15 मिनट।' रेनशॉ को ये 15 मिनट यानि कि लगभग चार ओवर किसी 'युग' जैसे लग रहे थे। रेनशॉ 196 गेंद पर 60 रन बना चुके थे और बड़ी जिम्मेदारी से खेल रहे थे।
तभी वार्नर आउट हो गए। तब तक प्रेशर और बढ़ गया था। ऐसे में फिर से पहुंच गए अंपायर के पास और पूछ लिया- 'लंच में कितना समय बचा है?' अंपायर का जवाब- 13 मिनट पर वे इस बात पर बड़े हैरान थे कि अभी तो पूछा है लंच का और फिर से पूछने आ गए। अंपायर ने कह ही दिया- 'तुम मुझसे दोबारा क्यों पूछ रहे हो?'
अब रेनशॉ ने उन्हें बता ही दिया कि उसे फ़ौरन टॉयलेट जाना है और रुक पाना अब बस में नहीं रहा। साफ़-साफ़ कह दिया- 'फौरन टॉयलेट जाने की जरूरत है और रुक पाना बड़ा मुश्किल हैं अन्यथा ग्राउंड पर ही गंदगी हो जाएगी।' इससे पहले कि अंपायर कुछ कहते, रेनशॉ ने अगला सवाल दाग दिया- 'मुझे टॉयलेट जाना है। रुका नहीं जा रहा। क्या मैं चोट से रिटायर हो सकता हूं, टॉयलेट जाऊंगा और बाद में वापस आ सकता हूं?' रेनशॉ को बहरहाल इस बात पर तसल्ली थी कि ग्राउंड पर अपनी पैंट गंदी नहीं की।
अंपायर ने कह दिया कि रिटायर हर्ट हो सकते हैं। उसी वक्त, रेनशॉ ने ड्रेसिंग रूम और अपने कप्तान स्टीव स्मिथ की तरफ इशारा किया और शॉन मार्श भी बल्लेबाजी के लिए ग्राउंड में आ गए। ये सब पिच पर हो रहा था और किसी को भी खबर नहीं थी कि माजरा क्या है? मैथ्यू रेनशॉ ड्रेसिंग रूम में गए, टॉयलेट की तरफ भागे और ये भी भूल गए कि स्पाइक्स पहने हैं और अपने पैड फाड़ रहे हैं।
* 149 पर तीसरा विकेट गिरा तो रेनशॉ अपनी अधूरी पारी शुरू करने वापस आ गए। 68 रन बनाए- इस पारी में टॉप स्कोर।
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान एलन बॉर्डर ने इस एपिसोड के बाद, रेनशॉ की बेहद आलोचना की और कहा कि उन्हें रेनशॉ से कोई हमदर्दी नहीं। वे बोले- अगर रेनशॉ, मेज पर अधमरे पड़े हैं, तब तो ठीक है- अन्यथा जो किया वह कतई सही नहीं था। रेनशॉ की ये 'लूज मोशन' स्टोरी कई दिन तक सोशल मीडिया पर एक 'बेहूदा' चुटकुला बनी रही और सब हंसते रहे।और मजेदार बात ये कि विराट कोहली की सीरीज के दूसरे टेस्ट में, रेनशॉ की टॉयलेट स्लेज पर सब हंस पड़े थे। ऑस्ट्रेलिया की कई अखबारों ने तब, इस नज़ारे की रिपोर्टिंग में यहां तक लिख दिया था कि पहली बार, चलते खेल के बीच किसी क्रिकेटर की पतलून पर पीले रंग के धब्बे दिखाई देते-देते रह गए।
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मैथ्यू रेनशॉ ने कहा- ये टॉयलेट वाला मामला ऐसा होता है कि जब जाना है तो जाना है। उस समय और कुछ नहीं सोचते। क्या ऐसे ब्रेक को 'मैथ्यू रेनशॉ ब्रेक' का नाम देना गलत होगा?