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IPL 2021 से पहले CSK का मैनेजमेंट ले सकता है कड़ा फैसला ,केदार जाधव समेत 3 खिलाड़ियों से तोड़ सकती है नाता

तीन बार की आईपीएल चैंपियन महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई सुपर किंग्स के लिए 2020 का आईपीएल बेहद ही खराब रहा है। टीम 10 मुकाबलों में केवल 3 जीत और 7 हार के साथ पॉइंट्स टेबल पर सबसे

Shubham Shah
By Shubham Shah October 21, 2020 • 19:11 PM
Chennai Super Kings
Chennai Super Kings (Chennai Super Kings)
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तीन बार की आईपीएल चैंपियन महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई सुपर किंग्स के लिए 2020 का आईपीएल बेहद ही खराब रहा है। टीम 10 मुकाबलों में केवल 3 जीत और 7 हार के साथ पॉइंट्स टेबल पर सबसे निचे आठवें स्थान पर है।  

चेन्नई के लिए अब यह टूर्नामेंट लगभग खत्म हो चूका है और टीम मैनेजमेंट आने वाले सीजन से पहले कुछ सख्त कदम उठा सकती है। चेन्नई की टीम ने कुछ साल पहले यह थ्योरी लगाई थी की युवा खिलाड़ियों से ज्यादा अनुभवी खिलाड़ी इस लोक्रप्रिय टी-20 लीग में काम आएंगे लेकिन इस साल यूएई में अलग हालात और शायद टूर्नामैंट शुरू होने से पहले सुरेश रैना और हरभजन सिंह जैसे खिलाड़ियों के चले जाने से टीम को बेहद कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। 

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हालांकि 2021 के आईपीएल के लिए टीम को एक साल का इंताजर नहीं करना होगा और उससे पहले ही चेन्नई को अपनी सारी खामियों को दूर करके अपने खोए हुए वर्चस्व को हासिल करना होगा। 

कोच स्टीफन फ्लेमिंग ये पहले ही साफ कर चुके है कि टीम के कुछ बड़े नाम थे लेकिन वो अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाए। उन्होंने ये बात साफ की है कि अगले साल यानी 2021 में होने वाले आईपीएल से पहले टीम मैनेजमेंट कुछ कठोर कदम उठाएगी और इस बड़ी टीम को वापस से पटरी पर लेकर आएगी। उन्होंने कहा की अगले साल और इस साल के आईपीएल के बीच काफी कम समय बचा है और वो इन्हीं महीनों के बीच टीम को मजबूत बनाने के लिए कुछ बड़े कदम उठाएंगे। 

फ्लेमिंग की इस बात से यह साफ झलकता है कि अगले सीजन से पहले कुछ बड़े खिलाड़ियों की टीम से छूटी होगी और युवाओं और जोश से भरी टीम को तैयार किया जाएगा। 

ये खिलाड़ी हो सकते है बाहर

जो खिलाड़ी अगले साल इस टीम का हिस्सा नहीं होगा उसमें केदार जाधव का नाम सबसे ऊपर है। जाधव ने चेन्नई की टीम के लिए ऐसा कुछ भी नहीं किया है जिससे  उन्हें मैनेजमेंट टीम में बना के रखे। इस बल्लेबाज ने बेहद ही खराब तरीके से बल्लेबाजी की है और 8 मैचों में सिर्फ 60 रन बनाएं है। उनके इस प्रदर्शन को देखते हुए ना सिर्फ चेन्नई बल्कि कोई और टीम भी केदार को अपने खेमे में शामिल नहीं करना चाहेगी। 

इस लिस्ट में दूसरे खिलाड़ी पीयूष चावला होंगे जो कहीं ना कहीं स्पिन में वो जादू नहीं दिखा पाएं जैसी उनसे उम्मीद की जा रही थी। इसके अलावा शेन वॉटसन भी अगले साल इस टीम से बाहर हो सकते है। अगर पंजाब और केकेआर के खिलाफ के खिलाफ कुछ पारियों को छोड़ दिया जाए तो वॉटसन इस साल बल्लेबाजी में बिल्कुल फ्लॉप रहे हैं। 

फाफ डु पलेसिस और अंबाती रायडू पर भी यह गाज गिर सकती है। हालांकि दोनों इस टूर्नामेंट में दूसरे बल्लेबाजों के अपेक्षा अच्छी बल्लेबाजी की है। और अंत में इस लिस्ट में खुद कप्तान महेंद्र सिंह धोनी होंगे। धोनी के बिना चेन्नई की टीम की कल्पना भी नहीं की जा सकती। लेकिन 39 साल के धोनी अब कहीं ना कहीं अपने बल्ले से वो रंग नहीं दिखा पा रहे है। हालांकि अन्य विकेटकीपरों के मुकाबले धोनी ने काफी फुर्तीली और जबरदस्त विकेटकीपिंग की है और विकेट के पीछे वो आज भी टीम के लिए सबसे बड़े दावेदार होंगे लेकिन बल्लेबाजी में लगातार फेल होना चेन्नई और उनके फैंस के लिए चिंता का विषय है।


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