ऑस्ट्रेलिया की इस बड़ी कमी के कारण कई प्रतिभाशाली क्रिकेटर रहते है गुमनाम, पूर्व कप्तान ग्रेग चैपल ने दी थी सलाह
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया अगर अपने एक पूर्व कप्तान की सलाह को मान लेता है तो भविष्य में उसके प्रीमियर घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट शेफील्ड शील्ड में अधिक टीमें देखने को मिल सकती है। मौजूदा वक्त में सिर्फ छह टीमें इसमें हिस्सा...
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया अगर अपने एक पूर्व कप्तान की सलाह को मान लेता है तो भविष्य में उसके प्रीमियर घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट शेफील्ड शील्ड में अधिक टीमें देखने को मिल सकती है।
मौजूदा वक्त में सिर्फ छह टीमें इसमें हिस्सा लेती है। भारत में रणजी ट्रॉफी और विजय हजारे टूर्नामेंट जैसे घरेलू टूर्नामेंट में 38 टीमों से ज्यादा टीम खेलती हैं। ऑस्ट्रेलिया में कम टीमें खेलने से कई प्रतिभाशाली क्रिकेटरों को खेलने का मौका नहीं मिल पाता है।
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टीम के पूर्व कप्तान ग्रेग चैपल ने कहा, "हम बड़े राज्यों को युवाओं को ऐसे ही रखने नहीं दे सकते। वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि इन्हें किसी स्टेज पर आकर इन खिलाड़ियों की जरूरत पड़ती है। मेरे ख्याल से यह खतरनाक है। अगर हम प्रारूप में परिवर्तन करना चाहते हैं तो हमें अभी से करना होगा। मेरे ख्याल से न्यू साउथ वेल्स के पास संभवत: दूसरी टीम हो सकती है।"
उल्लेखनीय है कि ऑस्ट्रेलिया के कुछ शीर्ष क्रिकेटर न्यू साउथ वेल्स से ही आते हैं। जोश हेजलवुड, पैट कमिंस, मिशेल स्टार्क, नाथन लियोन और सीन एबॉट यहीं से आते हैं।
स्टीवन स्मिथ और डेविड वार्नर से जैसे शीर्ष ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज भी न्यू साउथ वेल्स से आते हैं। चैपल ने कहा कि हमें युवा प्रतिभा को बढ़ाने की जरूरत है।