टीम इंडिया का सबसे पढ़ा-लिखा क्रिकेटर, डिग्री ऐसी कि NASA में नौकरी मिल जाए
भारत में कई महान क्रिकेटर्स पैदा हुए हैं और इन सभी महान शख्सियतों का पढ़ाई लिखाई से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं था लेकिन क्या आप लोग जानते हैं कि टीम इंडिया का सबसे पढ़ा लिखा क्रिकेटर कौन है।
भारत में कई महान क्रिकेटर्स पैदा हुए हैं और इन सभी महान शख्सियतों का पढ़ाई लिखाई से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं था लेकिन क्या आप लोग जानते हैं कि टीम इंडिया का सबसे पढ़ा लिखा क्रिकेटर कौन है। तो चलिए आज आपको बताते हैं उस क्रिकेटर के बारे में जो पढ़ाई में तो सबसे आगे था लेकिन क्रिकेट में सिर्फ एक साल ही टिक सका।
उस खिलाड़ी का नाम था आविष्कार साल्वी। मुंबई के लिए खेलने वाले पूर्व तेज़ गेंदबाज आविष्कार साल्वी का जन्म 20 अक्टूबर 1981 को मुंबई में हुआ था। आविष्कार के अंतरराष्ट्रीय करियर की बात की जाए तो वो टीम इंडिया में एंट्री लेने में तो सफल रहे लेकिन ज्यादा दिन नहीं खेल सके।
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भारत के लिए चार वनडे मैच खेलने वाले इस तेज़ गेंदबाज़ ने एस्ट्रोफिजिक्स में पीएचडी की पढ़ाई पूरी की है। इस डिग्री के बूते वो इसरो और नासा जैसी संस्थाओं में भी जॉब कर सकते थे लेकिन उन्होंने क्रिकेट को सबसे पहले तवज्जो दी। साल्वी की गिनती आज भी भारत के पढ़े-लिखे क्रिकेटर्स में अव्वल नंबर पर की जाती है।
अपने कद और एक्शन के कारण उन्हें अतिरिक्त उछाल मिलता था। साल्वी ने साल 2003 में भारत के बांग्लादेश दौरे के दौरान अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया था। पहले ही वनडे मैच में उनके प्रदर्शन की बात करें तो उन्होंने 7 ओवरों में सिर्फ 15 रन देकर 2 विकेट हासिल किए थे। उनके एक्शन को देखकर उनकी तुलना महान ग्लेन मैक्ग्रा से भी होने लगी थी।
2003 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ 4 वनडे खेलने वाले साल्वी का करियर 2003 में ही खत्म हो गया और इसके बाद वो कभी भी भारतीय टीम में शामिल नहीं हो सके। चोट के चलते उनका प्रथम श्रेणी करियर भी खत्म हो गया।