टीचर डे के मौके पर सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने अपनी लाइफ के सबसे बड़े टीचर को याद किया है। सौरव गांगुली ने कहा, 'मेरे सभी कोच को जॉन राइट, ग्रेग चैपल गैरी कस्टर्न सभी लोगों को। आज मैं आप लोगों को अपने फेवरेट टीचर के बारे में बताऊंगा। बहुत समय से मैं ये वीडियो करने की सोच रहा था लेकिन, अब जाकर मुझे टाइम मिला है। 1992 से लेकर आजतक एक चीज ने मेरा हमेशा साथ दिया वो है फेलियर।'
सौरव गांगुली ने आगे कहा, '1992 से मेरी कहानी शुरू होती है। जब मैं अपना पहला दौरा खेलने ऑस्ट्रेलिया गया था। ये मानना मेरे लिए अनरियल था कि ऐसा मेरे साथ हो रहा है। मैं चाहता था कि जैसे सचिन ने उस वक्त अपना नाम कमाया था वैसे मैं भी अपना नाम बनाऊं। लेकिन,मैं फेल हो गया मैंने सबको निराश किया। उसके बाद मैं टीम से ड्रॉप हो गया।'
सौरव गांगुली ने कहा, 'पहले मैच के बाद मैं ड्रॉप हो गया। मुझे नहीं पता था कि आगे मुझे खेलने का मौका मिलेगा या नहीं। लेकिन, बस मेरे दिमाग में एकबात थी कि मेरी कहानी ऐसे नहीं खत्म हो सकती। मैं पहले से ज्यादा मेहनत करने लगा। सपना था इंडिया के लिए फिर से खेलूं। फिर से इंडिया की जर्सी पहनूं। उन 4 साल के फेलियर ने मुझे बहुत कुछ सुनाया और क्रिकेटर बनाया।'