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'मैंने खिलाड़ियों को 'जय हनुमान' बोलने से नहीं रोका', मजहबी विवाद में फंसे वसीम जाफर ने तोड़ी चुप्पी

टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी वसीम जाफर (Wasim Jaffer) सुर्खियों में हैं लेकिन इस बार कारण ट्विटर पर उनका मजाकिया अंदाज नहीं बल्कि कुछ और है। जाफर ने उत्तराखंड क्रिकेट टीम के कोच पद से इस्तीफा दिया है।

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Cricket Image for  Wasim Jaffer Reacts To Allegation Of Communal Approach In Selection
Cricket Image for Wasim Jaffer Reacts To Allegation Of Communal Approach In Selection (Washington Sundar (image source: google))
Prabhat  Sharma
By Prabhat Sharma
Feb 11, 2021 • 11:57 AM

टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी वसीम जाफर (Wasim Jaffer) सुर्खियों में हैं लेकिन इस बार कारण ट्विटर पर उनका मजाकिया अंदाज नहीं बल्कि कुछ और है। जाफर ने उत्तराखंड क्रिकेट टीम के कोच पद से इस्तीफा दिया है। वहीं उत्तराखंड राज्य इकाई के सचिव महीम वर्मा ने रणजी ट्रॉफी इतिहास में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले वसीम जाफर पर मजहब के आधार पर टीम में खिलाड़ियों को रखने का आरोप लगाया है जिसपर जाफर ने दुखी मन से रिएक्ट किया है।

Prabhat  Sharma
By Prabhat Sharma
February 11, 2021 • 11:57 AM

महीम वर्मा के हवाले से कहा गया है कि वसीम जाफर खिलाड़ियों को भगवान हनुमान की जय बोलने से रोकते थे। इसके साथ ही उन्होंने मैदान पर मौलवी को भी बुलाया था। द इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार महीम वर्मा ने कहा, '9 फरवरी को कुछ खिलाड़ी और सहायक कर्मचारी मेरे पास आए और कुछ ऐसी बातें कहीं जिसने मुझे हैरान कर दिया। उन्होंने मुझे बताया कि वसीम जाफर टीम का सांप्रदायिकरण कर रहे थे।'

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महीम वर्मा ने आगे कहा, 'कुछ खिलाड़ी रामभक्त हनुमान की जय बोलना चाहते थे, लेकिन वसीम जाफर ने कहा कि टीम को इसकी जगह कुछ और कहना चाहिए। मुझे यह भी जानकारी मिली कि देहरादून में हमारे बायो-बबल ट्रेनिंग के दौरान एक मौलवी ने आकर मैदान पर दो बार नमाज अदा की थी। इस बात को सुनकर मुझे काफी हैरानी हुई और मैंने खिलाड़ियों से कहा कि इस बारे में उन्हें पहले मुझे सूचित करना चाहिए था।'

वसीम जाफर ने किया आरोपों को खारिज: वसीम जाफर ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है। जाफर ने कहा, 'मैंने मौलवी को बुलाकर नमाज़ अदा की इस आरोप के जवाब में मैं आपको बता दूं कि मैंने मौलवी को फोन नहीं किया था। टीम के खिलाड़ी इकबाल अब्दुल्ला ने उन्हें बुलाया था क्योंकि शुक्रवार को हमें नमाज अदा करने के लिए एक मौलवी की जरूरत थी। इकबाल ने इस बारे में मुझसे पूछा और मुझे इसमें कुछ गलत नहीं लगा और मैंने हां कह दिया। यह बायो-बबल से पहले हुआ था वो भी 2 या 3 बार।

सांप्रदायिकरण के आरोप पर भी बोले वसीम जाफर: वसीम जाफर ने सांप्रदायिकरण करने के आरोप पर बोलते हुए कहा, 'मुझ पर आरोप लगा है कि मैंने खिलाड़ियों को जय हनुमान जय बोलने से रोका है। मैं आपको बता दूं कि किसी भी खिलाड़ी ने कोई नारा नहीं लगाया था। हमारी टीम में कुछ खिलाड़ी हैं जो सिख समुदाय से हैं और वह 'रानी माता साचे दरबार की जय' कहते थे। मैंने बस इसपर सुझाव दिया कि हमें 'गो उत्तराखंड' या 'कम ऑन उत्तराखंड' कहना चाहिए। जब मैं विदर्भ का हिस्सा था तब हमारा नारा था कम ऑन, विदर्भ। अगर मैं सांप्रदायिक होता तो मैं अल्लाह हु अकबर कहने के लिए कहता।

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