पूर्व भारतीय क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा के लिए नए साल से पहले एक राहत की खबर सामने आई है। उथप्पा के खिलाफ उनके द्वारा संचालित एक कपड़ा कंपनी में कर्मचारियों के भविष्य निधि योगदान (provident fund contributions of employees) के संबंध में कथित धोखाधड़ी के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था जिस पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है।
उथप्पा पर कर्मचारियों और सरकार दोनों के वेतन से भविष्य निधि अंशदान काटकर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया था। उथप्पा सेंटॉरस लाइफस्टाइल ब्रांड्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं और आरोपों में ये भी कहा गया है कि संगठन कर्मचारियों के खातों में धनराशि जमा करने में विफल रहा। इसके बाद, पूर्व क्रिकेटर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मंगलवार, 31 दिसंबर को इस मुद्दे पर स्थगन आदेश जारी किया।
कर्मचारियों के भविष्य निधि जमा से जुड़ी कथित धोखाधड़ी का आरोप लगने के बाद, उथप्पा ने मामले में जारी वसूली नोटिस और गिरफ्तारी वारंट को चुनौती देने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। मंगलवार को न्यायमूर्ति सूरज गोविंदराज की अगुवाई वाली पीठ ने 39 वर्षीय उथप्पा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट को अस्थायी रूप से रोक दिया है।