वीवीएस लक्ष्मण ने लोकपाल से कहा, भारतीय क्रिकेट की सेवा करने के लिए सीएसी में शामिल हुआ था
नई दिल्ली, 29 अप्रैल (CRICKETNMORE)| बीसीसीआई की क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) के सदस्य रहते हुए इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की टीम सनराइजर्स हैदराबाद के मेंटॉर बनने पर हितों के टकराव के मुद्दे पर पूर्व बल्लेबाज...
नई दिल्ली, 29 अप्रैल (CRICKETNMORE)| बीसीसीआई की क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) के सदस्य रहते हुए इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की टीम सनराइजर्स हैदराबाद के मेंटॉर बनने पर हितों के टकराव के मुद्दे पर पूर्व बल्लेबाज वी.वी.एस. लक्ष्मण ने बोर्ड के लोकपाल के सामने अपना पक्ष रखा है।
लक्ष्मण ने लोकपाल डी.के. जैन से कहा है कि उन्होंने भारतीय क्रिकेट की सेवा करने के लिए सीएसी में पदभार संभाला था और वह किसी तरह से हितों के टकराव के जंजाल में शामिल नहीं होना चाहते थे।
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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया के कार्यकाल के दौरान 2015 में सीएसी का गठन किया गया था जिसमें सचिन तेंदुलकर, वी.वी.एस. लक्ष्मण और सौरभ गांगुली को शामिल किया गया था।
लक्ष्मण ने अपने वकील द्वारा लिखे गए पत्र में कहा है कि संन्यास के बाद भी वह भारतीय क्रिकेट में सेवाएं देना चाहते थे और इसी कारण सीएसी में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा है कि वह ऐसी स्थिति में नहीं पड़ना चाहते थे जहां उनकी मंशा पर सवाल खड़ा किया जाए।
पत्र में लक्ष्मण ने कहा है, "मैं इस कारण सीएसी में शामिल हुआ था कि हम भारतीय क्रिकेट को अपने अनुभव से आगे ले जा सकें। संन्यास के बाद भारत को क्रिकेट सुपर पावर बनाने के मौके ने मुझे इस प्रस्ताव को मंजूर करने के लिए प्रेरित किया था। जो आरोप लगाए गए हैं, वे आधारहीन हैं क्योंकि हम किसी भी खिलाड़ी और कोच का चयन नहीं करते हैं। साथ ही सीएसी एक स्थायी समिति नहीं है।"