चाइनामैन कुलदीप यादव ने आईपीएल शुरू होने से पहले कही ये बड़ी बात
कोलकाता, 4 अप्रैल (CRICKETNMORE)| विकेट का स्वाभाव चाहे जैसा हो वो भारत के पहले चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव को हतोत्साहित नहीं कर सकती। फ्लैट विकेट पर भी वह विकेट लेने के लिए आश्वस्त होते हैं। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के
कोलकाता, 4 अप्रैल (CRICKETNMORE)| विकेट का स्वाभाव चाहे जैसा हो वो भारत के पहले चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव को हतोत्साहित नहीं कर सकती। फ्लैट विकेट पर भी वह विकेट लेने के लिए आश्वस्त होते हैं।
हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ धर्मशाला में खेले गए चौथे टेस्ट मैच से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाले कुलदीप यादव ने पहली पारी में चार विकेट लेकर खूब सुर्खियां बटोरी थीं।
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कुलदीप का कहना है कि वह विकेट लेने के लिए पिच पर निर्भर नहीं रहते हैं।
कुलदीप ने आईएएनएस से फोन पर साक्षात्कार में कहा, "मैं विकेट टू विकेट गेंदबाजी करता हूं। बचपन से मैंने सीमेंट की पिच पर गेंद को स्पिन कराने की कोशिश की है। मेरे कोच (कपिल पांडे) ने इसमें मेरी काफी मदद की। मैं पिच देखकर गेंदबाजी नहीं करता हूं और विकेट लेने के लिए अपनी योग्यता पर निर्भर करता हूं।"
अपने पदार्पण मैच में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज बल्लेबाज डेविड वार्नर का विकेट लिया था। उस मैच पर बात करते हुए कुलदीप ने कहा कि उन्होंने नहीं सोचा था कि विकेट का स्वभाव कैसा होगा।
उन्होंने कहा, "फील्डिंग के दौरान मैं काफी घबराया था। मैं ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेल रहा था और वो मेरा पहला मैच था। मुझे घबराहट होनी ही थी, लेकिन मैं साथ ही उत्साहित था।"
उन्होंने कहा, "मैंने जब अपनी पहली गेंद फेंकी। मुझे थोड़ी राहत मिली। वह पहले दिन का विकेट था जिस पर गेंद स्पिन नहीं हो रही थी। लेकिन मैंने इसके बारे में कभी सोचा भी नहीं। जैसा मैंने कहा, मैंने सीमेंट विकेट पर काफी गेंदबाजी की है इसलिए मुझे पता है कि फ्लैट विकेट पर किस तरह से गेंदबाजी करनी होती है।"
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उन्होंने कहा, "मेरे लिए विकेट का व्यवहार मायने नहीं रखता। विकेट से मदद भी न मिले तो मुझे फर्क नहीं पड़ता। तब मैं धैर्य के साथ गेंदबाजी करता हूं और गेंद को स्पिन कराने की कोशिश करता हूं।"
कुलदीप ने कहा कि वह पहला विकेट लेने के बाद भावुक हो गए थे। उन्होंने कहा कि वार्नर को आउट करने के बाद जब कोच अनिल कुंबले और कप्तान विराट कोहली जो चौथे टेस्ट मैच में चोट के कारण नहीं खेले थे, वो जब सामीरेखा पर उनसे बात करने आए थे, तब वह भावुक हो गए थे। विकेट लेने के बाद कुलदीप कार्यवाहक कप्तान रहाणे से भी कुछ देर तक लिपटे रहे थे।
कुलदीप ने कहा,"इससे मैं काफी भावुक हो गया था। मेरा सपना मेरी आंखों के सामने सच हुआ था। मैंने इसका काफी लंबे समय तक इंतजार किया था। मैं यह भी जानता था कि टीम को विकेट की जरूरत है। उनका स्कोर 144 पर एक विकेट था और एक विकेट हमें मैच में वापस ला सकता था।"
कुलदीप ने वार्नर के अलावा पीटर हैंड्सकॉम्ब, ग्लैन मैक्सवेल, पैट कमिंस के विकेट लिए थे।
दूसरी पारी में कुलदीप ने सिर्फ पांच ओवर गेंदबाजी की क्योंकि टीम के सीनियर खिलाड़ी उमेश यादव, रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा ने मिलकर ऑस्ट्रेलिया को 137 रनों पर ही ढेर कर दिया था।
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दोनों टीमों के बीच हुई छींटाकशी के बारे में कलुदीप ने कहा कि यह उनके लिए आमबात थी।
कुलदीप ने कहा, "मेरे लिए यह सामान्य माहौल था। मैं उत्तर प्रदेश से आता हूं जहां क्रिकेट के मैदान पर यह सब आम बात है। आपको इसे संभालने के लिए समझदार होना चाहिए। यह क्रिकेट का हिस्सा है। आपको इससे प्ररेणा लेनी चाहिए। ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी स्लेजिंग के लिए जाने जाते हैं। मैंने अपना पहला मैच बड़ी टीम के खिलाफ खेला है इसलिए मेरा ध्यान खेल पर था नाकि इन सभी बातों पर।"