नई दिल्ली, 24 जुलाई| भारतीय टीम के 2014 के इंग्लैंड दौरे पर विराट कोहली का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा था। पांच टेस्ट मैचों में उनका औसत 13.50 का रहा था। कोहली हालांकि उस दौरे को निराशा के तौर पर नहीं देखते हैं। कोहली ने अपनी टेस्ट टीम के सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल के शो ओपन नेट्स विद मयंक पर बात करते हुए कहा, "2014 के इंग्लैंड दौरे पर बात यह थी कि मैं स्थितियों से तालमेल नहीं बिठा पाया था और जो मैं करना चाहता था, वो कर रहा था और उसे लेकर जिद्दी था। किसी चीज के बारे में जिद पकड़ने से कोई फायदा नहीं होता, इसे समझने में काफी देर हुई लेकिन मुझे इसका अहसास हो गया।"
उन्होंने कहा, "2014 का दौरा मेरे करियर में हमेशा एक मील के पत्थर की तरह रहेगा। मैंने इसे लेकर काफी सोचा था कि उस दौरे से पहले मैं किस तरह मैच में जाता था, मैं किस तरह से खेलता था। इसके बाद मैं निडर होने लगा।"
कोहली ने कहा, "मैंने यह महसूस किया कि टेस्ट क्रिकेट में जब चीजें मुश्किल होती हैं तो एक क्रिकेटर के लिए शांतचित रहना जरूर होता है और यही चीज मुझे सुधारने की जरूरत थी।"