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'जितना खेला खुद के दम पर खेला, ऐसा नहीं कि युवराज कप्तान होता तो और खेलता'

हरभजन सिंह और युवराज सिंह दोनों ही काफी करीबी दोस्त हैं और दोनों ही दिग्गजों ने भारतीय टीम के लिए कई बार शानदार प्रदर्शन करके जीत दिलाई है।

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Cricket Image for 'जितना खेला खुद के दम पर खेला, ऐसा नहीं कि युवराज कप्तान होता तो और खेलता' (Image Source: Google)
Nishant Rawat
By Nishant Rawat
Jun 04, 2022 • 08:30 PM

भारतीय टीम के पूर्व स्टार स्पिन गेंदबाज़ हरभजन सिंह अपनी फिरकी से दुनियाभर के दिग्गज खिलाड़ियों को फंसाने के लिए जाने जाते थे। इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भी हरभजन क्रिकेट से जुड़े हुए हैं और अब एक एक्सपर्ट के तौर पर फैंस का मनोरंजन कर रहे हैं। इसी बीच अब इस दिग्गज खिलाड़ी ने कुछ मज़ेदार सवालों का जवाब दिया है जो शायद सचमुच भारतीय टीम और उनका भविष्य बदल सकते थे।

Nishant Rawat
By Nishant Rawat
June 04, 2022 • 08:30 PM

हरभजन सिंह से एक जाने माने यूट्यूब चैनल ने बातचीत करते हुए सवाल किया कि अगर युवराज सिंह भारतीय टीम के कप्तान होते तो क्या उनका या किसी दूसरे खिलाड़ी का करियर बड़ा हो सकता था, जिसके जवाब में इस दिग्गज खिलाड़ी ने कहा, 'नहीं, मुझे ऐसा नहीं लगा कि युवराज कप्तान होते तो किसी का करियर बड़ा या लंबा हो सकता था। हमने जितना भी खेला है अपने दम पर खेला है, ऐसा नहीं था कि किसी कप्तान ने हमें सेलेक्ट करवाया या बाहर होने से बचाया हो। अगर आप कप्तान हो तो कंट्री के बारे में पहले सोचना होगा। दोस्ती अपनी जगह होगी लेकिन आपको देश के बारे में पहले सोचना है। युवराज भी वही करते।'

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इसी बीच हरभजन ने यह भी कहा कि अगर युवराज कप्तान होते तो वह अच्छी कप्तानी करते। उनके रिकॉर्ड इसकी गवाही देते हैं। वह साल 2011 के वर्ल्ड कप में मैन ऑफ द टूर्नामेंट थे।

टर्मिनेटर से बातचीत करते हुए चैनल ने भारतीय टीम के पूर्व कोच ग्रेग चैपल पर भी सवाल किया। जिसके जवाब में वह बोले, 'बहुत अच्छा होता। अगर ग्रेग भारत के कोच नहीं होते। अगर ऐसा नहीं हुआ हुता तो साल 2007 के वर्ल्ड कप में हमारी दुर्दशा नहीं हुई होती। वह एक हैपी टीम बिल्कुल भी नहीं थी।'

इसी बीच हरभजन सिंह ने बातचीत करते हुए बताया कि अगर मैं एक गेंदबाज़ की जगह बल्लेबाज़ होता तो स्पॉन्सर की कमी बिल्कुल नहीं होती। मेरे पास भी बहुत पैसा होता। क्रिकेट एक बल्लेबाज़ों का गेम हैं। वो पचास रन बनाकर मैन ऑफ द मैच ले जाते हैं, गेंदबाज़ को 3 विकेट चटकाकर भी मैन ऑफ द मैन नहीं मिलता। इसलिए मुझे लगता है कि बल्लेबाज़ होता तो बहुत पैसा होता।

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