ईडन गार्डन्स स्टेडियम में 2001 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला गया टेस्ट मैच भारतीय क्रिकेट में बदलाव की शुरुआत के तौर पर देखा जाता है। इसने टीम को आत्मविश्वास दिया। सौरव गांगुली की कप्तानी वाली टीम ने ऐतिहासिक जीत हासिल की थी और इसका एक अहम कारण फॉलोऑन खेलने उतरी भारतीय टीम की तरफ से वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ के बीच हुई ऐतिहासिक साझेदारी को माना जाता है, लेकिन बुनियाद ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह की हैट्रिक ने रखी थी।
उस समय हरभजन 20 साल के थे। आस्ट्रेलिया की पहली पारी में उन्होंने तीन गेंदों पर लगातार तीन विकेट लिए थे। आस्ट्रेलिया का स्कोर चार विकेट पर 252 रन था और रिकी पोटिंग के साथ कप्तान स्टीव वॉ क्रीज पर थे। तीन गेंद के अंदर आस्ट्रेलिया का स्कोर 252 रनों पर सात विकेट हो गया।
हरभजन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "मेरे जीवन में वो काफी अहम पल था। उस हैट्रिक ने मुझे काफी पहचान दी, काफी भरोसा दिया कि मैं यह कर सकता हूं (उच्च स्तर पर शीर्ष टीम के खिलाफ अच्छा करना)। मुझे लगा कि, अगर मैं इन खिलाड़ियों के खिलाफ कर सकता हूं तो मैं किसी भी टीम के खिलाफ अच्छा कर सकता हूं। यह मेरे लिए बेहद जरूरी था क्योंकि जैसा मैंने कहा कि इसने मुझे काफी पहचान दिलाई और लोगबाग मुझ पर अचानक से भरोसा करने लगे। उन्हें लगा कि यह लड़का कर सकता है। वो सीरीज और हैट्रिक मेरे जीवन का टनिर्ंग प्वाइंट साबित हुई।"