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भारतीय क्रिकेट प्रशिक्षक जल्द ही इंग्लिश प्रीमियर लीग मानकों से परिचित होंगे

नई दिल्ली, 15 मार्च (CRICKETNMORE)| भारतीय क्रिकेट प्रशिक्षक जल्द ही इंग्लिश प्रीमियर लीग (ईपीएल) जैसे दुनिया के कुछ शीर्ष फुटबाल क्लबों के मानकों से परिचित होंगे।  रणजी ट्रॉफी टीमों से जुड़े कुछ प्रशिक्षकों को तीन से...

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EPL (© IANS)
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Mar 15, 2019 • 11:00 PM

नई दिल्ली, 15 मार्च (CRICKETNMORE)| भारतीय क्रिकेट प्रशिक्षक जल्द ही इंग्लिश प्रीमियर लीग (ईपीएल) जैसे दुनिया के कुछ शीर्ष फुटबाल क्लबों के मानकों से परिचित होंगे।  रणजी ट्रॉफी टीमों से जुड़े कुछ प्रशिक्षकों को तीन से चार अप्रैल तक बेंगलुरू में आस्ट्रेलियन स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग एसोसिएशन (एएससीए) लेवल 2 के कोर्स से गुजरना है। 

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
March 15, 2019 • 11:00 PM

भारत के पूर्व प्रशिक्षक रामजी श्रीनिवासन ने इस कदम का स्वागत किया है और कहा है कि इस कार्यक्रम में व्यावहारिक ज्ञान प्रदान किया जाता है। 

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रामजी ने आईएएनएस से कहा, "एएससीए एक अच्छा कार्यक्रम है जहां पर बहुत से प्रयोगात्मक पहलू शामिल हैं। आपके पास प्रयोगात्मक सत्र हैं और सिद्धांत और प्रयोगात्मक शिक्षा का मिश्रण है। इसके स्तर 2 और 3 बहुत ही अच्छे हैं।" 

उन्होंने कहा, "मैं क्रिकेट के लिए एएससीए पसंद करता हूं। वे आपको बताते हैं कि किस व्यायाम के लिए किन मांसपेशियों का इस्तेमाल करने की जरूरत है। यह कुछ अन्य पाठ्यक्रमों की तरह नहीं है, जहां आपके पास कई विकल्प प्रश्न हैं। इसे सीखने के लिए आपको पसीना बहाना होगा।"

रामजी ने कहा, "आमतौर पर एएससीए कार्यशालाएं सिंगापुर या आस्ट्रेलिया में आयोजित की जाती हैं। यह प्रशिक्षकों के लिए अपने ज्ञान को विकसित करने के लिए बिल्कुल सही है।"

वे प्रशिक्षक जो इस कार्यक्रम का हिस्सा होंगे, उनमें संजीब दास (बंगाल), राकेश गोयल (बड़ौदा), अब्दुल सत्तार (सिक्किम), मयंक अग्रवाल (मध्य प्रदेश) और युवराज सिंह दास (विदर्भ) शामिल हैं।

ये सभी प्रशिक्षक करीब एक दशक से राज्य स्तर पर क्रिकेट टीमों से जुड़े हुए हैं।

एएससीए के महाप्रबंधक पीटर क्यूरेल ने आईएएनएस से कहा, "एएससीए शैक्षणिक पाठ्यक्रमों की कोचिंग देता है, इसलिए प्रतिभागी अपनी कोचिंग क्षमताओं के माध्यम से अधिक ज्ञान प्राप्त करेंगे।" 

भारत में कार्यशाला आयोजित करने के निर्णय पर क्यूरेल ने कहा कि आस्ट्रेलिया में कई भारतीयों को दाखिला दिया गया था, लेकिन कुछ को वीजा मुद्दों का सामना करना पड़ा था।
 

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