शोएब अख्तर ने किया खुलासा, भारत के पुछल्ले बल्लेबाज धीमी गेंद डालने का आग्रह करते थे
16 अगस्त,नई दिल्ली। पाकिस्तान टीम के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने एक हैरान कर देने वाला खुलासा करते हुए कहा है कि भारतीय टीम के पुछल्ले बल्लेबाज उन्हें मैदान पर आउट कर देने की आग्रह करते थे ताकि वो
16 अगस्त,नई दिल्ली। पाकिस्तान टीम के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने एक हैरान कर देने वाला खुलासा करते हुए कहा है कि भारतीय टीम के पुछल्ले बल्लेबाज उन्हें मैदान पर आउट कर देने की आग्रह करते थे ताकि वो अख्तर की तेज तर्रार गेंदों से घायल होने से बच जाए। साथ ही में उन्होंने कहा कि श्रीलंका के महान ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन उनसे यह आग्रह करते थे कि वो उनके सामने ज्यादा तेज गेंद ना फेंके।
रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से मशहूर अख्तर ने एक यूट्यूब शो क्रिक फ़ास्ट के दौरान बातचीत करते हुए बल्लेबाजों में अपनी तेज गेंदों की दहशत का जिक्र किया।
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शोएब अख्तर ने एक घटना को याद करते हुए बताया कि उन्होंने वॉर्सेस्टर के लिए खेलते हुए ग्लेमोर्गन के बल्लेबाज मैथ्यू मेनार्ड को जबड़े में मार दिया था जिसके बाद वो पिच पर गिर गए। अख्तर ने कहा कि मैंने मेनार्ड को कहा था कि अंधेरा हो रहा है और मेरी गेंद तुम्हें दिखाई नहीं देगी इसलिए आउट होकर पवेलियन लौट जाओ लेकिन उन्होंने कहा कि वो मेरी गेंदों का सामना करना चाहते है।
साथ ही शोएब अख्तर ने यह भी कहा कि बल्लेबाजों को चोट पहुँचाने के बाद मुझे बहुत अफसोस होता था।
45 वर्षीय इस पूर्व गेंदबाज ने साउथ अफ्रीका के बेहतरीन बल्लेबाज गैरी कर्स्टन के साथ हुई एक घटने को याद करते हुए कहा कि मैंने कर्स्टन को समझाया था कि वो मेरी गेंदों पर हुक शॉट ना खेले, लेकिन वो खेलने के चक्कर में उनके आंखों के नीचे गेंद से चोट लग गई।
इंटरव्यू के दौरान जब शोएब अख्तर से पूछा गया कि क्या कोई बल्लेबाज उन्हें धीमी गेंद डालने को कहता था। इसका जवाब देते हुए कहा कि ऐसे कई बल्लेबाज थे लेकिन भारत के पुछल्ले बल्लेबाज और श्रीलंका के पूर्व स्पिनर मुथैया मुरलीधरन का नाम लिया।
उन्होंने कहा कि मुरलीधरन उनसे धीमी गेंद डालने को कहते थे ताकि वो विकेटों के सामने से आसानी से हट जाए और आउट हो जाये।
अख्तर ने एक दिलचस्प बात का खुलासा करते हुए कहा की पाकिस्तानी बल्लेबाज मोहम्मद यूसुफ उनसे मुरलीधरन की उंगली तोड़ने की सलाह देते थे ताकि उनको बाद में मुरली की फिरकी का सामना ना करना पड़े।