आंखें ना होने के बावजूद शानदार कमेंट्री करता है ये शख्स, जल्द ही दिखेगा इंटरनेशनल क्रिकेट में अनोखा नज़ारा
क्रिकेट के मैदान पर कुछ भी संभव है लेकिन अब इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि मैदान के बाहर भी कुछ भी संभव है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि एक ऐसा ही उदाहरण हमें देखने को
क्रिकेट के मैदान पर कुछ भी संभव है लेकिन अब इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि मैदान के बाहर भी कुछ भी संभव है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि एक ऐसा ही उदाहरण हमें देखने को मिला है। जिम्बाब्वे के नेत्रहीन कमेंटेटर डीन डू प्लेसी (Dean du Plessis) आंखें ना होने के बावजूद शानदार कमेंट्री करते हैं।
डीन नेत्रहीन होने के बाद भी ये आसानी से बता सकते हैं कि बल्लेबाज ने किस दिशा में शॉट खेला है और कौन सा गेंदबाज गेंदबाजी कर रहा है। क्रिकेट फैंस को ये सुनकर शायद हैरानी होगी लेकिन कमेंट्री पैनल में डीन डू प्लेसी पहले ऐसे कमेंटेटर बन गए हैं, जो नेत्रहीन होने के बाद भी क्रिकेट कमेंट्री करते हैं।
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जिम्बाब्वे के डीन डू प्लेसी जब पैदा हुए थे तो उनकी आंखों की रेटिना में ट्यूमर था, जिसके कारण वो पैदा होते ही नेत्रहीन थे लेकिन अब इस 44 वर्षीय शख्स ने अपनी कमजोरी को ही अपनी ताकत बनाकर इतिहास रच दिय है। वो पहले ऐसे शख्स बनने जा रहे हैं जो नेत्रहीन होने के बावजूद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को कवर करेंगे।
जब डू प्लेसी से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "मैदानी आवाज़ सुनकर कमेंट्री करने का अलग ही मजा है। मैं स्टंप माइक से आवाज़ सुनता हूं औऱ किसी भी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल नहीं करता। जैसे बाकी लोग ध्यान से मैच देखते हैं, वैसे ही मैं भी ध्यान से मैच को सुनता हूं।"