टी-20 में धमाल मचाने वाले रिंकू सिंह, क्या टेस्ट क्रिकेट के लिए हैं तैयार?
टी-20 क्रिकेट में अपनी पहचान बना चुके रिंकू सिंह टेस्ट क्रिकेट के लिए तैयार कितना तैयार हैं? ये एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब हर भारतीय फैन जानना चाहता है।
टी-20 क्रिकेट में रिंकू सिंह अपनी बल्लेबाजी से धमाल मचा चुके हैं। अब लगभग उन्होंने इस फॉर्मैट के लिए भारतीय क्रिकेट टीम में अपनी जगह पक्की कर ली है लेकिन क्या रिंकू टेस्ट क्रिकेट में भी इतने ही सफल हो सकते हैं? ये एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब हर भारतीय फैन जानना चाहता है। इस बीच भारत के पूर्व बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौर ने रिंकू को लेकर एक बयान दिया है जो काफी वायरल हो रहा है।
राठौर मानना है कि रिंकू सिंह के पास भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए भी अच्छी तकनीक है। रिंकू ने अब तक भारत के लिए दो वनडे और 20 टी-20 मैच खेले हैं और उन्होंने मुख्य रूप से फिनिशर की भूमिका निभाई है। उन्होंने हाल ही में जिम्बाब्वे के खिलाफ टी-20 सीरीज में हिस्सा लिया था और पिछले महीने वेस्टइंडीज में भारत द्वारा जीते गए टी-20 वर्ल्ड कप में रिजर्व खिलाड़ियों में से एक थे। रिंकू टी-20 टीम के नियमित सदस्यों में से एक हैं और उनका इस फॉर्मैट में रिकॉर्ड कमाल का रहा है।
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रिंकू ने 15 पारियों में 176.27 की स्ट्राइक-रेट और 83.2 की औसत से 416 रन बनाए हैं। राठौर का भारत के बल्लेबाजी कोच के रूप में आखिरी काम टी-20 वर्ल्ड कप था। उनका मानना है कि बाएं हाथ का ये खिलाड़ी लाल गेंद वाली क्रिकेट खेलने के लिए तकनीकी रूप से सक्षम है और उन्होंने ये भी बताया कि प्रथम श्रेणी स्तर पर उनका औसत 50 के आसपास है। रिंकू सिंह ने अब तक प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 47 मैच खेले हैं और 54.7 की औसत से 3173 रन बनाए हैं, जिसमें उनके नाम सात शतक और 20 अर्द्धशतक हैं। ऐसे में अगर आंकड़ों के हिसाब से तो ऐसा कोई कारण नहीं लगता कि रिंकू टेस्ट क्रिकेट में भी टी-20 की सफलता क्यों नहीं दोहरा सकते।
India's Ex-Batting Coach Vikram Rathour feels Rinku Singh is ready for test cricket! pic.twitter.com/PheSxWwDs6
— CRICKETNMORE (@cricketnmore) July 16, 2024
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विक्रम राठौर ने पीटीआई से बात करते हुए कहा, "जब मैं उन्हें नेट्स में बल्लेबाजी करते हुए देखता हूं, तो मुझे कोई तकनीकी कारण नहीं मिलता कि रिंकू सफल टेस्ट बल्लेबाज क्यों नहीं हो सकते। मैं समझता हूं कि उन्होंने टी-20 क्रिकेट में एक शानदार फिनिशर के रूप में अपनी पहचान बनाई है, लेकिन अगर आप उनके प्रथम श्रेणी के रिकॉर्ड को देखें, तो उनका औसत 50 से ऊपर है। वो बहुत शांत स्वभाव के भी हैं। इसलिए ये सभी कारक संकेत देते हैं कि अगर उन्हें मौका दिया जाए तो वो टेस्ट क्रिकेटर के रूप में विकसित हो सकते हैं।"