Advertisement

इशांत शर्मा के दोबारा चोटिल होने से राहुल द्रविड़ की नेतृत्व वाली एनसीए पर उठे सवाल

नई दिल्ली, 2 मार्च | न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए दूसरे टेस्ट मैच से पहले इशांत शर्मा के चोटिल होने के कारण एक बार फिर राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) की खिलाड़ियों की चोट प्रबंध और रिहैबीलिएशन प्रक्रिया पर सवाल खड़े

Advertisement
Ishant Sharma
Ishant Sharma (Twitter)
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Mar 02, 2020 • 03:22 PM

नई दिल्ली, 2 मार्च | न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए दूसरे टेस्ट मैच से पहले इशांत शर्मा के चोटिल होने के कारण एक बार फिर राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) की खिलाड़ियों की चोट प्रबंध और रिहैबीलिएशन प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो गए हैं। बीसीसीआई अधिकारी को लगता है कि एनसीए के मुखिया राहुल द्रविड़ को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
March 02, 2020 • 03:22 PM

बीसीसीआई के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा है कि इशांत की चोट ने एक बार फिर अकादमी के प्रबंधन को लेकर वही सवाल खड़े कर दिए हैं जिन्हें अतीत में भारतीय खिलाड़ियों ने उठाया था और इसके लिए द्रविड़ को जिम्मेदारी लेनी चाहिए, साथ ही इन्हें खत्म भी करना चाहिए।

Trending

अधिकारी ने कहा, "यह देखना दिलचस्प होगा कि अभी जो स्कैन हुए हैं और उनके फिट घोषित होने के बाद जो स्कैन किए जाएंगे उनमें क्या बदलाव दिखाई देते हैं। द्रविड़ बहुत सम्मानित खिलाड़ी है, लेकिन प्रबंधन ठीक नहीं है। कोई सोच सकता है कि द्रविड़ की कोचिंग को लेकर आलोचनात्मक होना ईश्वर की निंदा समान है, लेकिन प्रबंधन से संबंध रखने वाले फैसलों की जांच होनी चाहिए और आलोचना भी, खासकर तब जब वह सबसे अहम पुंजी को यानि इशांत की बात हो।"

उन्होंने कहा, "चूंकि द्रविड़ एनसीए में फैसला लेने वाले शख्स हैं, इसलिए यह स्वाभाविक है कि उन्हें इस प्रक्रिया और फैसलों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।"

अधिकारी ने साथ ही फिजियो आशीष कौशिक के लगातार विफल होने के बाद भी उनके बने रहने पर सवाल खड़े किए हैं।

उन्होंने कहा, "द्रविड़ कौशिक को भी समर्थन दे रहे हैं ऐसे में उनके आगे आकर एनसीए में हो रही गड़बड़ियों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। शायद एक तटस्थ फिजियो की नियुक्ति सही हो। द्रविड़ को पता होना चाहिए की नए अधिकारी आ चुके हैं जो जनरल बॉडी का हिस्सा हैं और बीते कुछ वर्षो से चीजें बदल चुकी हैं।"

बीसीसीआई के अधिकारी ने कहा कि इशांत का मसला बताता है कि एनसीए का जसप्रीत बुमराह को फिटनेस टेस्ट के लिए इसलिए मना करना क्योंकि उन्हें रीहैब की प्रक्रिया बाहर की का कोई औचित्य नहीं है क्योंकि बुमराह पुरी तरह से फिट हैं और एनसीए में रहने वाले इशांत दोबारा चोटिल हो गए हैं।

उन्होंने कहा, "क्या फिटनेस टेस्ट अब कोई मायने रखता है? बुमराह का फिटनेस टेस्ट नहीं कराया गया और वह बिनी किसी परेशानी के खेल रहे हैं जबकि जिस इशांत को हरी झंडी दे दी गई थी और वो दोबारा चोटिल हो गए हैं।"

उन्होंने कहा, "मैं इस बात से हैरान था कि एनसीए ने बुमराह का टेस्ट लेने से मना कर दिया और इससे एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया कि क्या जो खिलाड़ी चोट से वापसी कर रहा है उसका फिटनेस टेस्ट जरूरी है या नहीं।"

इशांत को दिसंबर में विदर्भ के खिलाफ खेले गए रणजी ट्रॉफी मैच में टखने में चोट लग गई थी। वह एनसीए में रीहैब करा न्यूजीलैंड गए थे और पहला टेस्ट भी खेले थे, लेकिन दूसरे टेस्ट मैच से पूर्व अभ्यास सत्र में वे दोबारा चोटिल हो गए।

एनसीए से क्लीन चिट मिलने के बाद बुमराह ने ने फिजियो कौशिक की तारीफ की थी।
 

Advertisement

Advertisement