नई दिल्ली, 3 दिसम्बर| भारतीय टीम के पूर्व ट्रेनर शंकर बासु द्वारा टीम और राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में स्थापित की गई विरासत ढहती दिख रही है। भारतीय टीम के चोटिल तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह एनसीए में रिहैब न करके इस समय उस शख्स के साथ रिहैब कर रहे हैं, जिसकी काबिलियत को नकार दिया गया था और राष्ट्रीय टीम में शामिल नहीं किया गया था।
बुमराह इस समय आईपीएल की फ्रेंचाइजी दिल्ली कैपिटल्स के ट्रेनर रजनीकांत शिवागनम के साथ रिहैब कर रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि रजनीकांत वही शख्स हैं जिन्हें अगस्त में भारतीय टीम के स्ट्रैंग्थ एंड कंडीशनिंग कोच पद के लिए नहीं चुना गया था और काम निक वेब को दिया गया था। यह सब प्रशासकों की समिति (सीओए) के मार्गदर्शन में हुआ था।
जिस पैनल ने ट्रेनर संबंधी भर्ती के लिए प्रैक्टिकल एग्जाम लिया था उसमें राष्ट्रीय चयनकर्ताओं के अलावा कोलकाता की इंडोरफिंस जिम के मालिक रणदीप मोइत्रा भी थे। इस पैनल ने ल्यूक वुडहाउस तथा वेब को रजनीकांत पर तरजीह दी थी।
उन्होंने कहा, "यह निक की बात नहीं है, लेकिन रजनीकांत के लिए बाकियों की अपेक्षा प्रक्रिया काफी मुश्किल थी। पैनल में मौजूद एक शख्स से मैंने रजनी के प्रति इस शत्रुता जैसे व्यवहार की जांच की थी। उनसे पैनल ने जिम ट्रेनर के जैसी चीजें करने को कहा था जो किसी और से नहीं कहा था। एक हैरान करने वाली बात यह थी कि उस पैनल में एक शख्स ऐसा था जिसने रजनी के स्तर के मुकाबले काम ही नहीं किया। यह जानना बेहद दिलचस्प होगा कि उसे इंसान को पैनल में किसने रखा।"
उन्होंने कहा, "जब भारत ने 2011 में विश्व कप जीता था तब रामजी श्रीनिवासन ट्रेनर हुआ करते थे और तब उनकी उम्र 42 साल की थी। आप इस बात को लेकर धोनी, सचिन, जहीर से पूछ सकते हैं कि रामजी अपने साथ क्या लेकर आए थे। यह सब मजाक बना रखा है और हालिया दौर में खिलाड़ियों की चोटें इस बात का सबूत हैं।"