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5 बदकिस्मत भारतीय क्रिकेटर, हदपार टैलेंट होने के बावजूद चमक पड़ी फीकी

इंडियन क्रिकेट में तमाम ऐसे क्रिकेटर रहे हैं जिनमें हदपार टैलेंट होने के बावजूद इंटरनेशल क्रिकेट में उनका सितारा बुलंद नहीं हो पाया। इस आर्टिकल में 5 बदकिस्मत भारतीय क्रिकेटर का नाम है।

Prabhat  Sharma
By Prabhat Sharma June 21, 2022 • 17:21 PM
Cricket Image for karun nair Ambati Rayudu Sheldon Jackson Top 5 unlucky Indian cricketers
Cricket Image for karun nair Ambati Rayudu Sheldon Jackson Top 5 unlucky Indian cricketers (unlucky Indian cricketers)
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भारतीय क्रिकेट सर्किट ने विश्व क्रिकेट को एक से बढ़कर एक शानदार क्रिकेटर दिए हैं। भारत में क्रिकेट देखने और खेलने वाले लोगों की तादाद काफी ज्यादा है ऐसे में क्रिकेटर्स के लिए नेशनल टीम में प्रवेश करना काफी कठिन है। विराट कोहली से लेकर रोहित शर्मा तक कई ऐसे दिग्गज क्रिकेटर रहे हैं जिन्होंने घरेलू के साथ-साथ इंटरनेशनल लेवल पर भी अपना दबदबा बनाए रखा। लेकिन, भारतीय क्रिकेट सर्किट में कुछ ऐसे क्रिकेटर्स रहे जो हदपार टैलेंट होने के बावजूद बदकिस्मत रहे। इस लिस्ट में शामिल है 5 बदकिस्मत क्रिकेटर्स का नाम।

करुण नायर: इस बात पर यकीन करना मुश्किल होगा कि कोई खिलाड़ी भारत के लिए तिहरा शतक लगाए और उसकी तक टीम इंडिया में वापसी ना हो। करुण नायर को सबसे बदकिस्मत क्रिकेटर कहा जा सकता है। वीरेंद्र सहवाग के बाद एक पारी में 300 से ज्यादा रन बनाने वाले इस खिलाड़ी का नाम टीम इंडिया में दूर-दूर तक नहीं है।

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अंबाती रायुडू: 'टीम इंडिया के लिए अगला बड़ा सितारा' क्रिकेट पंडितों ने 2001 में 16 साल के अंबाती रायुडू के धाराप्रवाह बल्लेबाजी को देखकर यही वाक्य कहे थे। अंबाती रायुडू 2004 के सेमीफाइनल में पहुंचने वाली भारतीय अंडर 19 टीम के कप्तान भी थे। ये शानदार खिलाड़ी बदकिस्मत रहा और अपने इंटनेशनल करियर के दौरान केवल 55 वनडे मैच ही खेल सका। अंबाती रायुडू ने भारत के लिए 1 टेस्ट मैच भी नहीं खेला।

मनोज तिवारी: बंगाल के इस क्रिकेटर की गिनती सबसे बदकिस्मत क्रिकेटरों में से एक के रूप में ही होगी। 2006-2007 के रणजी सीजन के दौरान 99.5 की औसत से 796 रन बनाने के बाद उनकी टीम इंडिया में एंट्री हुई। 2008 में डेब्यू करने वाले मनोज तिवारी इंटरनेशल करियर में भारत के लिए कामयाब ना हो सके और अपने पूरे करियर में केवल 12 वनडे मुकाबले खेले।

रॉबिन उथप्पा: सुरेश रैना और विराट कोहली के उदय से रॉबिन के लिए टीम में जगह बनाना मुश्किल हो गया। रॉबिन उथप्पा जब भी नेशनल टीम में अपनी जगह पक्की करने की कगार पर थे तब-तब उनकी फॉर्म ने उनके साथ दगा कर दिया। वहीं अपने पूरे करियर के दौरान उनका बैटिंग ऑर्डर भी कभी स्थिर नहीं रहा।

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शेल्डन जैक्सन: सालों से घरेलू क्रिकेट सर्किट में शेल्डन जैक्सन शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। 2012 और 2013 के रणजी ट्रॉफी सीज़न के दौरान, उन्होंने अपने घरेलू टीम के लिए शानदार बल्लेबाजी की लेकिन, बावजूद इसके उन्हें टीम इंडिया में जगह ना मिल सकी। 35 साल के शेल्डन जैक्सन ने डोमेस्टिक क्रिकेट में शानदार खेल के बावजूद अब तक एक भी इंटरनेशनल मैच नहीं खेला है।


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