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7 साल बैन के बाद तेज गेंदबाज श्रीसंत की केरल रणजी टीम में वापसी पक्की,लेकिन करना होगा ये काम

नई दिल्ली, 18 जून| भारतीय तेज गेंदबाज शांताकुमार श्रीसंत अपना बैन समाप्त होने के बाद केरल की रणजी टीम में खेल सकते हैं। केरल क्रिकेट संघ (केसीए) ने सितंबर में उनका बैन समाप्त होने के बाद रणजी टीम में चयन

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma June 18, 2020 • 14:48 PM
S Sreesanth
S Sreesanth (IANS)
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नई दिल्ली, 18 जून| भारतीय तेज गेंदबाज शांताकुमार श्रीसंत अपना बैन समाप्त होने के बाद केरल की रणजी टीम में खेल सकते हैं। केरल क्रिकेट संघ (केसीए) ने सितंबर में उनका बैन समाप्त होने के बाद रणजी टीम में चयन के लिए उनके नाम पर विचार करने का फैसला किया है। हालांकि श्रीसंत को उससे पहले अपनी फिटनेस साबित करनी होगी।

केरल रणजी टीम के नवनियुक्त कोच टिनू योहानन ने आईएएनएस से इसकी पुष्टि करते हुए कहा, " केसीए ने फैसला किया है कि एक बार जब सितबंर में उन पर लगा बैन समाप्त हो जाएगा तो फिर टीम में चयन के लिए उनके नाम पर विचार किया जाएगा।"

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उन्होंने कहा, " हालांकि टीम में उनका चयन उनके फिटनेस स्तर पर निर्भर करेगा। उन्हें अपनी फिटनेस साबित करनी होगी। इस समय क्रिकेट को लेकर बाहर कुछ भी नहीं हो रहा है, नहीं तो उन्हें मैदान पर इस समय खेलते हुए देखते और उन्हें फिटनेस टेस्ट देते देखते। इस समय कुछ भी कहना मुश्किल है।"

भारत के लिए तीन टेस्ट और कई वनडे मैच खेल चुके योहानन ने आगे कहा कि क्रिकेट के मैदान पर वापसी करने के लिए श्रीसंत को हर संभव मदद और समर्थन दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, " हम सब उन्हें फिर से खेलते हुए देखना चाहते हैं और हम टीम में उनका स्वागत करेंगे। उन्हें अब कुछ भी साबित करने की जरूरत नहीं है क्योंकि वह पहले ही बहुत कुछ साबित कर चुके हैं। हम उन्हें फिर से समर्थन देंगे ताकि वह फिर से खेल सके और इसका आनंद ले सके।"

41 वर्षीय योहानन ने कहा, " वह सात साल बाद दोबारा से खेलेंगे। इसलिए हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि क्या होता है।"

इस बारे में आईएएनएस ने जब श्रीसंत से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि वह अभ्यास कर रहे हैं।

बीसीसीआई ने 2013 में आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में श्रीसंत पर आजीवन बैन लगा दिया था। 2015 में हालांकि दिल्ली की एक विशेष अदालत ने उन पर लगे सभी आरोपों से उन्हें बरी कर दिया था।

वर्ष 2018 में केरल उच्च न्यायालय ने बीसीसीआई द्वारा उन पर लगाए गए आजीवन बैन को खत्म कर दिया था और उसके खिलाफ सभी कार्यवाही को भी रद्द कर दिया था। हालांकि, उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने बैन की सजा को बरकरार रखा था।

श्रीसंत ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल मार्च में उनके अपराध को बरकरार रखा था, लेकिन बीसीसीआई को उनकी सजा कम करने को कहा था और भारतीय बोर्ड ने उनकी आजीवन बैन की सजा को घटाकर सात साल कर दिया था, जोकि इस साल अगस्त में समाप्त हो जाएगा।

37 वर्षीय श्रीसंत ने भारत के लिए अब तक 27 टेस्ट, 53 वनडे और 10 टी 20 मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने क्रमश : 87, 75 और सात विकेट झटके हैं।
 


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