पूर्व भारतीय क्रिकेटर मुरली विजय वैसे तो लाइमलाइट से दूर रहते हैं लेकिन वो इस बार अपने खुलासे के चलते सुर्खियों में आ गए हैं। उन्होंने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान अपने शुरुआती क्रिकेट सफर के बारे में बात करते हुए, तमिलनाडु के लिए अपने डेब्यू को अपने करियर का सबसे बड़ा मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि जब उन्हें स्टेट कैप मिली, तो उन्हें सच में बहुत अच्छा महसूस हुआ।
हालांकि, उनके करियर की शुरुआत आसान नहीं थी, विजय अंडर-22 में चार बार ज़ीरो पर आउट हुए, ये एक ऐसा दौर था जिसने उन्हें ये सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या वो प्रोफेशनल लेवल के लिए सही भी हैं या नहीं। एक समय तो इस ओपनिंग बल्लेबाज ने सेलेक्टर्स से उन्हें टीम से हटाने के लिए भी कहा, क्योंकि उन्हें लगा कि उस स्टेज पर स्टैंडर्ड उनके लिए बहुत ज़्यादा था। लेकिन समय के साथ, विजय ने अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में बदलने की अपनी काबिलियत से नाम कमाया।
उनकी सबसे यादगार पारियों में से एक अभिनव मुकुंद के साथ 462 रनों की बड़ी ओपनिंग पार्टनरशिप थी, इस परफॉर्मेंस ने 2008-09 में गौतम गंभीर की जगह उनके टेस्ट डेब्यू का रास्ता साफ किया। तरुवर कोहली के यूट्यूब चैनल पर विजय ने कहा, "तमिलनाडु के लिए खेलना मेरी अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है। जब मुझे कैप मिली, तो वो मेरे लिए कुछ और ही था और मुझे कामयाबी का एहसास हुआ। मुझे लगा कि आखिरकार मैंने ये कर लिया। तो मैंने अंडर-22 खेला और चार बार ज़ीरो पर आउट हुआ, और मुझे लगा कि ये लेवल मेरे लिए बहुत ज़्यादा है। मैंने खेला नहीं था, मुझे प्रोफेशनल लेवल की क्रिकेट का अनुभव नहीं था। इसलिए, पहली बार जब मुझे मौका मिला तो वो मेरे लिए एक आपदा थी। मैं गया और सेलेक्टर्स से कहा, कृपया मुझे टीम से हटा दें और किसी और को मौका दें।"