'मैं इंडिया के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहता हूं', क्या पूरा होगा संजू का सपना?
बांग्लादेश के खिलाफ तीसरे टी-20 मैच में शतक लगाने वाले संजू सैमसन सिर्फ व्हाइट बॉल क्रिकेट ही नहीं खेलना चाहते बल्कि वो भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलने का सपना भी देख रहे हैं।
हैदराबाद में बांग्लादेश के खिलाफ तीसरे टी-20 मैच में अपना पहला टी-20 शतक जड़ने के बाद, संजू सैमसन एक बार फिर से फैंस के चहीते बन गए हैं। वहीं, संजू ने भी अपना दिल खोलते हुए बताया है कि वो सिर्फ व्हाइट बॉल क्रिकेट ही नहीं खेलना चाहते बल्कि लंबे प्रारूप में भी भारत का प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं।
सैमसन ने हाल ही में बांग्लादेश के खिलाफ 40 गेंदों में शतक लगाया था, जो टी-20 इंटरनेशनल में किसी भारतीय द्वारा दूसरा सबसे तेज शतक है। 29 वर्षीय सैमसन शुक्रवार से बेंगलुरु में कर्नाटक के खिलाफ शुरू होने वाले रणजी ट्रॉफी के दूसरे दौर के मैच के लिए केरल टीम में शामिल हो गए हैं। सैमसन ने मंगलवार को तिरुवनंतपुरम में पत्रकारों से बात करते हुए अपने दिल की बात कही।
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संजू ने कहा, "मेरा मानना है कि मेरे पास लाल गेंद वाले क्रिकेट में सफल होने के लिए कौशल है और मैं खुद को सिर्फ सफेद गेंद वाले क्रिकेट तक सीमित नहीं रखना चाहता। मेरी इच्छा भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलने की है। दलीप ट्रॉफी से पहले, नेतृत्व समूह ने मुझे बताया था कि वो लाल गेंद वाले क्रिकेट के लिए मेरे बारे में विचार कर रहे हैं और इसे गंभीरता से लेने और अधिक रणजी ट्रॉफी मैच खेलने के लिए कहा है।"
सैमसन ने हाल ही में अनंतपुर में दलीप ट्रॉफी के दूसरे और तीसरे दौर में भारत डी का प्रतिनिधित्व किया। सैमसन ने भारत डी के लिए अपने दूसरे मैच में अपना 11वां प्रथम श्रेणी शतक बनाया। केरल के इस बल्लेबाज ने पिछले सीजन में चार रणजी ट्रॉफी मैचों में हिस्सा लिया था, जिसमें उन्होंने 176 रन बनाए थे, लेकिन उनकी टीम नॉकआउट में पहुंचने में विफल रही।
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आगे बोलते हुए सैमसन ने कहा, "इस बार मेरी तैयारी अच्छी रही। श्रीलंका के खिलाफ सीरीज के बाद, मैंने राहुल द्रविड़ सर और जुबिन भरूचा के साथ आरआर (राजस्थान रॉयल्स) अकादमी में प्रशिक्षण लिया और अपने खेल पर काम किया। दलीप ट्रॉफी में शतक ने मुझे काफी आत्मविश्वास दिया है, क्योंकि ये देश के कुछ सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों के खिलाफ था।"