India Vs Australia: मिड-डे में अपने कॉलम में भारत के पूर्व बल्लेबाज सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने लिखा, 'ऑस्ट्रेलियाई टीम ने यहां की पिचों के बारे में बात करके दिमागी खेल खेलना शुरू कर दिया है। ऐसा उन्होंने तब भी किया था जब उन्होंने यहां पिछली बार दौरा किया था। जिस देश में टेस्ट मैच दो दिन में खत्म हो जाए, उसे भारतीय पिचों पर विलाप करने का कोई अधिकार नहीं है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ब्रिस्बेन का खेल दो दिनों में समाप्त हो गया था।'
सुनील गावस्कर ने आगे लिखा, 'बात सिर्फ दो दिन में खेल खत्म होने की नहीं है बल्कि जिस तरह की पिच तैयार की गई है उसकी है। गेंद पिच पर जिस तरह से व्यवहार कर रही थी वह जीवन और अंग के लिए खतरनाक था। एक टर्नर ट्रैक पर एकमात्र मुद्दा बल्लेबाजों की प्रतिष्ठा है जो खतरे में है ना कि उनका जीवन और उनके शरीर को कोई हिस्सा।'
सुनील गावस्कर ने लिखा, 'ब्रिस्बेन में दो दिवसीय मैच ने जो दिखाया वह यह था कि दोनों टीमों के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों के भी दिल उनके मुंह में आ गए थे। बेशक, उस वक्त मीडिया के कुछ वर्गों ने बहाना बनाया कि यह बल्लेबाजों का खेल है, इस तरह की पिच गेंदबाजों को कुछ मौका देती है वगैराह वगैराह। फिर क्यों आप शिकायत करते हैं जब उपमहाद्वीप की पिचें पहले दिन से ही टर्न ले रही होती हैं। स्पिन खेलना एक 'बल्लेबाज' के लिए अंतिम चुनौती है क्योंकि यह उसके फुटवर्क का परीक्षण करता है। गेंदबाज के साथ भी माइंड गेम होता है, इसलिए उपमहाद्वीप में शतक या उससे ज्यादा बनाने वालों की पहचान महान बल्लेबाजों के रूप में होती है।'
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— CRICKETNMORE (@cricketnmore) February 8, 2023