'पाकिस्तान क्रिकेट में रेस्ट का मतलब करियर खत्म', नसीम शाह का सनसनीखेज खुलासा
पाकिस्तान क्रिकेट टीम के तेज़ गेंदबाज नसीम शाह ने अपनी क्रिकेट टीम के कल्चर को लेकर एक ऐसा खुलासा किया है जिसने पाकिस्तान क्रिकेट को सवालों में ला खड़ा किया है।
पाकिस्तान क्रिकेट टीम के तेज़ गेंदबाज़ नसीम शाह ने पाकिस्तान सुपर लीग 2024 के जरिए मैदान पर वापसी कर ली है लेकिन अपनी वापसी के साथ ही उन्होंने कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए हैं जिनसे पाकिस्तान क्रिकेट एक बार फिर से सवालों के घेरे में आ गया है। नसीम शाह ने बताया है कि कैसे पाकिस्तानी खिलाड़ी आराम करने से डरते हैं क्योंकि आराम के चलते टीम में उनका चयन खतरे में पड़ सकता है।
पाकिस्तान के तेज गेंदबाज को पिछले साल एशिया कप के दौरान चोट लग गई थी और वो भारत में वनडे वर्ल्ड कप 2023 में नहीं खेल पाए थे। नसीम की सर्जरी हुई और वो पाकिस्तान के ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट दौरे और न्यूजीलैंड के सफेद गेंद दौरे के लिए समय पर ठीक नहीं हो सके। उन्होंने मौजूदा पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) के दौरान पांच महीने बाद प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में वापसी की है।
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नसीम ने हाल ही में पाकिस्तान के क्रिकेट कल्चर की आलोचना करते हुए कहा कि मुख्य खिलाड़ी अपने शरीर को थोड़ा आराम देने से डरते हैं क्योंकि उनकी अनुपस्थिति में एक या दो मैचों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले युवा उनकी जगह ले सकते हैं। उन्होंने क्रिकविक को बताया, "मुझे लगता है, दुर्भाग्य से, पाकिस्तान में मामला अलग है। यहां स्थिति ऐसी है कि अगर कोई नया खिलाड़ी एक गेम में अच्छा प्रदर्शन करता है, तो मुख्य गेंदबाज अंतिम एकादश में अपनी जगह को लेकर डर जाते हैं और सोचते हैं कि क्या उन्हें अगले मैच के लिए बरकरार रखा जाएगा। वो डर खिलाड़ियों को आराम नहीं करने देता क्योंकि कभी-कभी जब आप आराम करते हैं, तो आपका करियर शांति से खत्म हो सकता है।''
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आगे बोलते हुए नसीम ने कहा, “खिलाड़ियों में भी एक डर है और हमारी संस्कृति ऐसी है कि अगर हम कहते हैं कि हमारा शरीर 100 प्रतिशत काम नहीं कर रहा है या हम थके हुए हैं, तो खेलने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के बारे में बहुत चर्चा होगी। यहां तक कि खिलाड़ी भी आपके बारे में बात करना शुरू कर देते हैं ताकि आप स्वेच्छा से आराम न करें। इससे बचने का तरीका ये हो सकता है कि फिजियो या गेंदबाजी कोच पहले से ही तय कर लें कि आप एक सीरीज में कितने मैच खेलेंगे। ये हमेशा बेहतर रहेगा। वर्कलोड मैनेजमेंट होना चाहिए लेकिन ये हमारी संस्कृति में नहीं है।"