अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर्स एसोसिएशन ने उठाई एनओसी नियमों में बदलाव की मांग
दुबई, 24 मई । क्रिकेट खिलाड़ियों के अंतर्राष्ट्रीय संगठन 'फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल क्रिकेटर्स एसोसिएशन' (एफआईसीए) ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) द्वारा खिलाड़ियों को दिए जाने वाले अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के मौजूदा नियमों में बदलाव की मांग उठाई है। इसके
दुबई, 24 मई । क्रिकेट खिलाड़ियों के अंतर्राष्ट्रीय संगठन 'फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल क्रिकेटर्स एसोसिएशन' (एफआईसीए) ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) द्वारा खिलाड़ियों को दिए जाने वाले अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के मौजूदा नियमों में बदलाव की मांग उठाई है। इसके पीछे एफआईसीए की मंशा खिलाड़ियों को दूसरे देशों की लीग में हिस्सा लेने में साहूलियत प्रदान करने की है। PHOTOS: क्रिकेटर दिनेश कार्तिक की हॉट वाइफ दीपिका की खूबसूरती से दंग रह जाएंगे आप
एफआईसीए उस नियम में बदलाव चाहता है, जिसके तहत खिलाड़ियों को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) जैसी अन्य घरेलू लीगों में हिस्सा लेने के लिए अपने बोर्ड से एनओसी की जरूरत होती है।
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उल्लेखनीय है कि एफआईसीए की यह मांग क्रिकेट आस्ट्रेलिया (सीए) और आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के बीच चल रहे अनुबंध विवाद के ठीक बाद आया है। आस्ट्रेलिया में चल रहे विवाद के बाद डेविड वार्नर ने सीए को चेतावनी देते हुए कहा है कि सीए अपनी बात पर अड़ा रहता है तो वह बिना टीम के रह जाएगा और उनके साथी दूसरे देशों की टी-20 लीगों में खेलते नजर आएंगे।
मौजूदा नियम के तहत अगर किसी खिलाड़ी को दूसरे देश की लीग में खेलना है तो उसे अपने बोर्ड से एनओसी की जरूरत होती है। एफआईसीए का मानना है कि मौजूदा नियमों के कारण बोर्ड अपने खिलाड़ियों को दूसरे देशों की लीग में खेलने से रोक सकते हैं।
आईसीसी के अनुच्छेद 32 ए के तहत चाहे खिलाड़ी बोर्ड के अनुबंध में शामिल हो या ना हो उसे दूसरे देश में खेलने के लिए बोर्ड से एनओसी की जरूरत पड़ती है। यह नियम संन्यास लेने वाले खिलाड़ियों पर भी लागू होता है। एफआईसीए का मानना है कि अगर सीए और खिलाड़ियों के बीच विवाद खत्म नहीं होता है तो इस नियम का हवाला देते हुए सीए अपने खिलाड़ियों को दूसरी लीगों में हिस्सा लेने से रोक सकती है।
एफआईसीए ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि एनओसी के नियम पर दोबारा सोचने की जरूरत है।
वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो ने एफआईसीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टोनी आयरिश के हवाले से लिखा है, "आईसीसी के पास खिलाड़ियों के दूसरी लीगों में खेलने को लेकर अनापत्ति प्रमाण पत्र संबंधी नियम मौजूद हैं। हालांकि यह नियम खिलाड़ियों के हित में ज्यादा नहीं हैं। इसलिए हमें लगता है कि इसमें बदलाव की जरूरत है। बोर्ड अपने खिलाड़ियों को आईसीसी नियमों का हवाला देते हुए दूसरी लीगों में खेलने से रोक सकता है। एफआईसीए का मानना है कि यह कानूनी लड़ाई को जन्म दे सकता है।"
एनओसी का नियम सभी बोर्ड, सभी लीगों, सभी सदस्यों पर लागू होता है। लेकिन आयरिश ने कहा कि आस्ट्रेलिया में चल रहे विवाद के चलते उन्हें लगता है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर टी-20 लीगों हिस्सा लेने के लिए और बेहतर तथा सुविधायुक्त संरचना बनाई जा सकती है।
उन्होंने कहा, "विश्व स्तर पर बेहतर क्रिकेट संरचना, जिसमें तीनों प्रारूपों में सही प्रतिस्पर्धा हो, हमारा मानना है कि ऐसी संरचना बनानी होगी जो खिलाड़ियों और उनके प्रतिनिधियों के लिए सकारात्मक हो।"
उन्होंने कहा, "हमने आईसीसी और अन्य बोर्डो से इस मामले में बातचीत शुरू कर दी है और ऐसी संरचना पर विचार कर रहे हैं जो खिलाड़ियों और खेल के अलावा अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट और टी-20 लीगों के लिए बेहतर हो।" उन्होंने कहा, "एफआईसीए खिलाड़ियों के मौलिक अधिकार और अपनी पसंदीदा जगह खेलने की लड़ाई में उनके साथ खड़ा है।"
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