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धोनी की तारीफ़ के लिए शब्द ही नहीं : चचंल भट्टाचार्य

टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी इंडिया के सबसे बेहतरीन कप्तानों में से एक हैं। धोनी को क्रिकेट के गुण सिखानें वाले उनके कोच चंचल भट्टाचार्य का मानना है कि आज धोनी ने अशुशासन के बल पर अपना मुकाम

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma February 11, 2015 • 00:23 AM
Chanchal Bhattacharya
Chanchal Bhattacharya ()
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टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी इंडिया के सबसे बेहतरीन कप्तानों में से एक हैं। धोनी को क्रिकेट के गुण सिखानें वाले उनके कोच चंचल भट्टाचार्य का मानना है कि आज धोनी ने अशुशासन के बल पर अपना मुकाम हासिल किया है। धोनी की कई और बातें चंचल जी ने Cricketnmore के साथ शेयर करी। पेश ही उस बातचीत के कुछ अंश। 

Q- धोनी के स्कूल के दिनों से गुरू के नाते से आपने उन्हें क्रिकेट की बारीकियां सिखाई है और आज आपका शिष्य देश नहीं बल्कि पूरी दुनिया में सफलता के नई बुलंदियों को छुता जा रहा है कैसा महसूस करते हैं ?

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A-  बहुत ख़ुशी होती है की जिसे हमनें क्रिकेट के गुण सिखाए वो आज रांची जैसे शहर से निकलकर  पूरी दुनिया में नाम कम रहा है और हमारे साथ साथ पूरे झारखंड और देश को गोरवानवित कर रहा है।  धोनी की तारीफ़ के लिए शब्द ही नही हैं। 

Q- झारखंड में एक भी इंटरनेश्नल स्टेडियम और क्रिकेट की आधुनिकता न होने के बावजूद भी धोनी ने कभी  हार नहीं मानी और इन सब सुविधओं के न होते हुए भी अपना काम बखुबी करते हुए दुनिया के नंबर एक बल्लेबाज़ भी बने कैसा देखते हैं इसे ? 

A-धोनी ने कभी अनुशासन नहीं तोड़ा और अनुशासन के बल पर ही उसने अपना मुकाम हासिल किया है कभी शॉर्टकट नहीं अपनाया। बरसात के दिनों में जब सभी खिलाड़ी आराम करते थे तब धोनी अपने कुछ दोस्तों के साथ दिल्ली तक प्रैक्टिस के लिए जाते थे। 

Q- दो बार देश को वर्ल्ड कप दिलानेवाले धोनी इस बार ट्वंटी 20 का विश्वकप में असफल रहे इसका कोई मलाल है क्या ?

A-नहीं जिसने दो बार देश को खुश किया। मै नहीं समझता हूं की इस बार चुकनें से इसका ठीकरा उस पर फोड़ना चाहिए और हर दिन एक जैसा नहीं होता औऱ धोनी ने अपनी टीम के साथ पूरी कोशिश की लेकिन कभी कभी ऐसा भी होता है की आपको हारना पड़ता है।  

 Q- क्या लगता है धोनी के टीम मे आने के बाद से झारखंड से कई और खिलाड़ी निकल कर सामने आ रहे हैं जिसमें सौरभ तिवारी , वरुण एरॉन , इशांक जग्गी समेत कई और  भी खिलाड़ी शामिल हैं। तो क्या कोई खेल अकेडमी खोली जानी चाहिए जिससे और भी भावी खिलाडियों को प्रेरणा मिले और सुविधा भी ?

A- जी हाँ इस तरह की पहल होनी  चाहिए और धोनी भी इसके पक्ष मे है और झारखंड सरकार से बातचीत भी चल रही है और इस प्रयास से आगे और भी खिलाडी भविष्य मे झारखंड की इस धरती से निकलेंगे और धोनी की तरह ही नाम कमांयेंगे। 

Q- आपको धोनी में सबसे जयादा क्या पसंद है ?

A- उसका अनुशासन और क्रिकेट के प्रति जुनुन मुझे सबसे ज्याजा पसंद है 

Q-  धोनी में सबसे जयादा क्य नापसंद है ?

A- धोनी मे नापसंदगी की कोइ बात ही नहीं है, वो क्रिकेटर है और एक क्रिकेटर क अच्छा खेल उसकी हर खामियों को पूरा कर देता है। 

( प्रदीप कुमार महतो)

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