पाकिस्तान ने जब 2017 में जब भारत को हराकर चैम्पियंस ट्रॉफी का खिताब जीता था, तब लगा था कि इस टीम का नया दौर शुरू हो रहा है और 2019 वर्ल्ड कप में यह टीम एक मजबूत दावेदार के रूप में इंग्लैंड वापस आएगी।दो साल बीत गए लेकिन पाकिस्तान मजबूत दावेदार के रूप में इंग्लैंड नहीं आई है हां वह एक ऐसी टीम के रूप में जरूर आई है जो उलटफेर कर सकती है।
चैम्पियंस ट्रॉफी की जीत के बाद से पाकिस्तान से इस प्रदर्शन को बरकरार रखने की उम्मीद थी, लेकिन हुआ उम्मीदों से उलट। टीम ने चैम्पियंस ट्रॉफी के बाद से आठ सीरीज खेलीं लेकिन सिर्फ दो सीरीज ही जीत सकी वो भी श्रीलंका और जिम्बाब्वे जैसी टीमों के खिलाफ।
सरफराज अहमद की कप्तानी वाली यह टीम वर्ल्ड कप में कमजोर टीमों में गिनी जा रही है। एक समय अपने गेंदबाजी आक्रमण के कारण वर्ल्ड क्रिकेट में दबदबा कायम करने वाली इस टीम के पास मौजूदा समय में कोई ऐसा गेंदबाज नहीं है जो असरदार कहा जा सके।