सरफराज अहमद के द्वारा खिलाड़ी पर रंगभेदी टिप्पणी करने पर पीसीबी ने कही ऐसी बात, करी आलोचना
24 जनवरी। लाहौर | पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने गुरुवार को अपनी राष्ट्रीय टीम के कप्तान सरफराज अहमद के दक्षिण अफ्रीका के खिलाड़ी आंदिले फेलुक्वायो पर की गई रंगभेदी टिप्पणी पर खेद जताया। सरफराज ने दक्षिण अफ्रीका के...
24 जनवरी। लाहौर | पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने गुरुवार को अपनी राष्ट्रीय टीम के कप्तान सरफराज अहमद के दक्षिण अफ्रीका के खिलाड़ी आंदिले फेलुक्वायो पर की गई रंगभेदी टिप्पणी पर खेद जताया। सरफराज ने दक्षिण अफ्रीका के साथ डरबन में खेले गए दूसरे वनडे में फेलुक्वायो पर रंगभेदी टिप्पणी की थी जिसके बाद उनकी चौतरफा आलोचना हुई है।
पीसीबी ने एक बयान जारी कर कहा है, "पीसीबी, कप्तान सरफराज अहमद द्वारा दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ डरबन में खेले गए दूसरे वनडे मैच में की गई रंगभेदी टिप्पणी पर खेद जाहिर करता है। पीसीबी इस तरह के बयानों का समर्थन नहीं करता जिसे किसी की भावनाएं आहत हों और इस तरह की रंगभेदी टिप्पणी के संबंध में जीरो टोलरेंस नीति को अपनाता है।"
बयान के मुताबिक, "यह मामला खिलाड़ी की शिक्षा और ट्रेनिंग के सभी स्तरों की महत्ता को बताता है। पीसीबी की कोशिश अपने खिलाड़ियों की शिक्षा के कार्यक्रम को सुधारना है ताकि इस तरह के विवाद दोबारा न हों।"
यह मामला दूसरे वनडे की दूसरी पारी में 37वें ओवर का है। फेलुक्वायो एक रन लेते हुए दूसरे छोर पर जा रहे थे तभी सरफराज का विवादास्पद बयान स्टम्प माइक में रिकार्ड हो गया जिसमें उन्होंने कहा, "अबे काले, तेरी अम्मा आज कहां बैठीं हैं? क्या पढ़वा कर आया है आज?"
सरफराज के बयान की आलोचना करते हुए पीसीबी ने उम्मीद जताई है कि इस विवाद से दौरे पर कोई असर नहीं पड़ेगा। दोनों टीमों को अभी तीन वनडे तथा इतने ही टी-20 मैच खेलने हैं।
सरफराज भी बुधवार रात इस मुद्दे पर माफी मांग चुके हैं। उन्होंने अपने माफीनामे में कहा कि उनका मकसद किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं था।
उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, "दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए दूसरे वनडे मैच में की गई टिप्पणी के लिए मैं माफी मांगता हूं। यह मेरी निराशा के भाव थे, जो स्टंप माइक में सुनाई दे गए। ऐसे में मैं उन सभी से माफी मांगता हूं जिन्हें मेरी इस बात से ठेस पहुंची है।"
पाकिस्तानी कप्तान ने कहा, "मैंने किसी खास व्यक्ति के खिलाफ यह बात नहीं की थी। मैं किसी को निराश नहीं करना चाहता था। मैं तो यह भी नहीं चाहता था कि कोई इसे सुने और यह बात प्रतिद्वंद्वी टीम के खिलाड़ियों या क्रिकेट प्रशंसकों तक पहुंचे। मैं पहले भी और अब भी विश्व भर में अपने साथी क्रिकेट खिलाड़ियों के साथ दोस्ती की भावना रखता हूं और मैदान पर तथा मैदान के बाहर हमेशा उनका सम्मान करता रहूंगा।"
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