महाभारत कथा के अनुसार एकलव्य ने गुरुदक्षिणा के रूप में अपना अँगूठा काटकर द्रोणाचार्य को दे दिया था। क्योंकि द्रोणाचार्य नहीं चाहते थे कि दुनिया को अर्जुन से बढ़कर कोई धनुर्धर मिले। लेकिन क्रिकेट के जगत में ऐसे कई खिलाड़ी हुए हैं जिन्होंने अपनी कमियों के बावजूद क्रिकेट की दुनिया में नाम कमाने में सफलता पाई। आईए हम बात करते हैं कुछ ऐसे क्रिकेटरों के बारे में जिन्होंने अपनी कमियों को अपने भविष्य के लिए पत्थर नहीं बननें दिया।
# वेस्टइंडीज क्रिकेट के सबसे बड़े ऑलराउडंर गैरी सोबर्स के हाथों में 6 उंगलियां थी। जन्म से ही महान गैरी सोबर्स की दोनों हाथों में 6 – 6 उंगलियां थी। जिसके लिए लोग उन्हें चिढ़ाते भी थे। सोबर्स ने अपनी ऑटोबायोग्राफी में इस बात का जिक्र किया है। उन्होंने ऑटोबायोग्राफी मं लिखा है कि जब मैं 9 या 10 साल का था तो उनके हाथों में एक एक्स्ट्रा उंगली काफी जल्दी निकल आई थी। सोबर्स ने कहा कि उन्होंने अपना पहला क्रिकेट मैच 11 उंगलीयों के साथ खेला था। अपनी ऑटोबायोग्राफी में सोबर्स ने इस बात का भी जिक्र किया है कि 14 साल की उम्र में उन्होंने दूसरी एक्स्ट्रा उंगली निकलवाली थी लेकिन कुछ ही दिनों के पश्चात जहां से उंगली को निकाला गया था वहां फिर से वह उंगली निकल आई थी। लेकिन इन सभी के बावजूद सोबर्स क्रिकेट के इतिहास के बेहतरीन क्रिकेटर के तौर पर याद किया जाता है। गैरी सोबर्स ऐसे क्रिकेटर हैं जिन्होंने पहली बार 6 गेंद पर 6 छक्के जमाकर कमाल किया था। लव स्टोरी: गैरी सोबर्स और अंजू महेंद्रू
# पाकिस्तान के अजीम हफीज के दायें हाथ में 2 उंगलियां कम थी। लेकिन इस कमी के बाद भी अजीम हफीज ने पाकिस्तान के लिए क्रिकेट खेला और एक शानदार ऑलराउंडर के रूप में खुद को साबित किया। अजीम हफीज ने अपने टेस्ट करियर में 18 टेस्ट मैच खेले और 15 वनडे मैच में भी पाकिस्तान के लिए शिरकत करी। खासकर अपनी गेंदबाजी से अजीम हफीज ने शानदार काम किया था।