'आपने जडेजा की उस उम्मीद को खत्म कर दिया कि वो अब कभी कप्तान बन सकता है'
रवींद्र जडेजा की कप्तानी में चैन्नई सुपर किंग्स ने 8 मुकाबले खेले जिसमें 6 मुकाबलों में हार मिली। रवींद्र जडेजा ने कप्तानी छोड़ी और धोनी दोबारा सीएसके के कप्तान बन गए।
स्टार ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) एमएस धोनी (MS Dhoni) को कप्तान के रूप में रिप्लेस करने वाले कुछ क्रिकेटरों में से एक हैं। रवींद्र जडेजा को मेगा ऑक्शन से पहले चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) द्वारा रिटेन किया गया था, हालांकि, अतिरिक्त जिम्मेदारी के बोझ के तले वो प्रदर्शन करने में विफल रहे।
रवींद्र जडेजा की कप्तानी में आठ मैचों में सीएसके ने दो जीते और 6 मुकाबले हारे वहीं उनका प्रदर्शन भी बेहद खराब रहा था जिसके बाद धोनी को वापस कप्तानी पर लौटने के लिए मजबूर होना पड़ा। जहां कुछ लोगों ने कप्तान के रूप में धोनी की वापसी का जश्न मनाया, वहीं कुछ विशेषज्ञों ने सीएसके की रणनीति पर सवाल उठाए।
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यह देखते हुए कि 40 साल के धोनी अपने करियर के अंत में है। भारत के पूर्व तेज गेंदबाज आरपी सिंह को लगता है कि चार बार के आईपीएल विजेता अपने फैसले पर टिके रह सकते थे और जडेजा को एक सीजन के लिए बतौर कप्तान ही मौका दे सकते थे।
आरपी सिंह ने कहा, 'जब एमएस धोनी हैं तो उन्हें आदर्श रूप से कप्तान होना चाहिए था। यदि आप कप्तानी किसी और को सौंपते हैं जबकि एमएस अभी भी हैं, तो व्यक्ति उतना दबाव नहीं लेगा क्योंकि वह जानता है कि एमएस हैं जो उनका मार्गदर्शन करेंगे।'
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आरपी सिंह ने आगे कहा, 'फैसला अच्छा था लेकिन अगर आप पीछे मुड़कर देखें तो उन्हें (जडेजा को) बाहर नहीं करना चाहिए था। आप पहले ही उसे कप्तान बना चुके हैं, फिर पूरे सीजन के लिए उस पर भरोसा करें और उसे बीच में ना छोड़ें। आपने जडेजा की उस उम्मीद को खत्म कर दिया कि वो अब कभी कप्तान बन सकते हैं।'