4 क्रिकेटर जो ओपनर बनकर बने कामयाब, लिस्ट में 3 भारतीय खिलाड़ी
इस आर्टिकल में शामिल है उन 4 क्रिकेटर का नाम जिन्हें सही मायनों में सफलता ओपनिंग करते हुए मिली थी। इन क्रिकेटर्स ने मौके का लाभ उठाया और कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
इंटरनेशनल क्रिकेट में अपने देश के लिए खेलना काफी मुश्किल काम है। कई क्रिकटर्स ने एक ही मौके में इस अवसर का लाभ उठाया और टीम में अपनी जगह बनाई। जबकि, कुछ ऐसे क्रिकेटर्स हुए जिन्हें टीम में अपनी जगह बनाने के लिए उनकी मेहनत से ज्यादा किस्मत का साथ मिला। इस आर्टिकल में शामिल है उन 4 क्रिकेटर्स का नाम जिन्हें खुद को साबित करने के मौके मिले लेकिन वो ऐसा नहीं कर सके जब तक वो बतौर ओपनर टीम में नहीं खेले।
रोहित शर्मा: टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा का डेब्यू मैच 2007 में आयरलैंड के खिलाफ था। डेब्यू के कुछ सालों तक रोहित शर्मा निचले क्रम में खेलते थे। धोनी ने 2013 चैंपियंस ट्रॉफी में रोहित शर्मा से ओपनिंग करने के लिए कहा बस यहीं से रोहित ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और बतौर सलामी बल्लेबाज विश्व क्रिकेट के सबसे कामयाब बल्लेबाजों में से एक बन गए।
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ब्रेंडन मैकुलम: टॉप ऑर्डर में प्रमोट होने से पहले ब्रेंडन मैकुलम न्यूजीलैंड के लिए नंबर 7 से नंबर 8 पर खेलते थे। इसके अलावा उन्हें कुछ मैचों के लिए नंबर 5 पर भी खिलाया गया था। हालांकि, सही मायनों में ब्रेंडन मैकुलम तब कामयाब हुए जब उन्होंने ओपनिंग करनी शुरू की।
वीरेंद्र सहवाग: भारतीय विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ पहला वनडे मैच खेला था। इस मैच में उन्हें सातवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा गया था। सहवाग शुरुआत में मिडिल ऑर्डर में बैटिंग करते थे लेकिन, इसके बाद उनकी किस्मत का सितारा तब चमका जब सौरव गांगुली ने उन्हें बतौर सलामी बल्लेबाज टीम में शामिल किया।
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सचिन तेंदुलकर: वनडे क्रिकेट के सबसे महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर में चार साल से अधिक समय तक मध्यक्रम में क्रिकेट खेला है। बाद में तेंदुलकर को बतौर ओपनर भारतीय टीम के लिए न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच खेलने का मौका मिला। उसमें उन्होंने 49 गेंदों में 82 रन बनाए थे।