New Zealand: विराट कोहली अब अपने पुराने रंग में नजर नहीं आते। खास तौर पर टेस्ट क्रिकेट में उनके बल्ले से कई वर्षों से लंबी पारी नहीं आई और शतक आए हुए भी काफी समय हो गया है। पहले बांग्लादेश और फिर न्यूजीलैंड के खिलाफ उनका फ्लॉप शो टीम को महंगा पड़ा। अब हर किसी की नजर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी पर है और टीम इंडिया के साथ-साथ भारतीय फैंस भी यही चाहते हैं कि किंग कोहली एक बार फिर अपने नाम मुताबिक ऑस्ट्रेलिया में दहाड़ें।
यह सीरीज भारत के लिए अहम है क्योंकि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप भी दांव पर है। यहां फ्लॉप होने का सीधा मतलब डब्ल्यूटीसी से बाहर होना होगा। जबकि, अगर विराट का बल्ला इस सीरीज में भी खामोश रहा, तो उन पर भी गाज गिर सकती है। ऑस्ट्रेलिया में विराट के रिकॉर्ड को देखें तो उम्मीद यही है कि वह अपनी फॉर्म को हासिल करने में सफल होंगे क्योंकि यह दौरा उनके लिए 'अग्नि परीक्षा' है।
टीम इंडिया बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी शुरू होने से पहले पर्थ में जमकर पसीना बहा रही है। भारतीय टीम लगातार तीसरी बार ऑस्ट्रेलिया को उसके घर पर हराकर हैट्रिक पूरा करने का सपना देख रही है। लेकिन इस बार कुछ चीजें भारत के पक्ष में नहीं है। न ही इस बार हमारे पास चेतेश्वर पुजारा हैं और न ही अजिंक्य रहाणे, जो पिछले दोनों दौरों पर बल्ले से अहम खिलाड़ी थे। इतना ही नहीं, पहले टेस्ट में कप्तान रोहित शर्मा भी नहीं है, जबकि विराट कोहली का खामोश बल्ला टीम की एक बड़ी परेशानी है।