एमएस धोनी के भारतीय क्रिकेट टीम में पदार्पण के बाद बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज टीम में खिलाड़ियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई। मौजूदा समय में टीम में जगह बनाने को लेकर ऋषभ पंत, संजू सैमसन, जितेश शर्मा, ध्रुव जुरेल, और ईशान किशन के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलती है। इनके अलावा भी प्रभसिमरन सिंह जैसे विकेटकीपर बल्लेबाज हैं, जो टीम में जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन एक दौर था जब भारतीय टीम में बतौर विकेटकीपर नयन मोंगिया का कोई विकल्प नहीं था।
नयन मोंगिया का जन्म 19 दिसंबर 1969 को बड़ौदा, गुजरात में हुआ था। बड़ौदा के लिए ही उन्होंने घरेलू क्रिकेट खेला। घरेलू क्रिकेट में अपनी बल्लेबाजी और बेहतरीन विकेटकीपिंग से प्रभावित करने वाले मोंगिया को जनवरी 1994 में श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट में भारत के लिए डेब्यू का मौका मिला था। उसी साल फरवरी में मोंगिया ने श्रीलंका के खिलाफ ही वनडे में भी डेब्यू किया।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मोंगिया ने अपनी विकेटकीपिंग से काफी प्रभावित किया। वनडे फॉर्मेट में एक मैच में 5 कैच लेने की उपलब्धि 2 बार उन्होंने हासिल की थी। बाद में महेंद्र सिंह धोनी ने इस रिकॉर्ड को तोड़ा। विकेट के पीछे मोंगिया की मुस्तैदी की वजह से विपक्षी टीम के बल्लेबाज भारतीय गेंदबाजों को आगे बढ़कर हिट लगाने से पहले कई बार सोचा करते थे।