भारतीय खेल जगत के लिए '14 अक्टूबर' का दिन बेहद खास है। इस दिन दो ऐसी महिला खिलाड़ियों का जन्म हुआ, जिन्होंने वैश्विक मंच पर अलग-अलग खेलों में भारत का नाम रोशन किया।
इनमें से पहली खिलाड़ी पूनम राउत हैं। 14 अक्टूबर 1989 को मुंबई में जन्मीं पूनम राउत की कहानी 'दंगल' फिल्म से कम नहीं है। बोरीवली वेस्ट में पली-बढ़ीं पूनम को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था। जब एक बार पूनम गली क्रिकेट खेल रही थीं, तो पिता ने उन्हें बल्लेबाजी करते हुए देख लिया। इसके बाद पिता ने उन्हें क्रिकेट कोचिंग के लिए भेजा।
कभी पिता भी टेनिस बॉल से क्रिकेट खेलते थे, लेकिन परिस्थितियों के चलते टीम इंडिया के लिए खेलने का सपना साकार नहीं कर सके। परिवार के गुजर-बसर के लिए उन्होंने ड्राइवर की नौकरी शुरू कर दी। घर में इतनी जगह तक नहीं थी कि क्रिकेट किट रखी जा सके, लेकिन उन्होंने बेटी के जरिए ही अपने अधूरे सपने को पूरा करने की ठानी। उन्होंने 10 हजार रुपए उधार लेकर बेटी को क्रिकेट एकेडमी भेजा।