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ईमानदारी की खुराक इंग्लैंड के लिए सबसे महत्वपूर्ण: माइकल वॉन

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 4-1 से मिली हार के बाद इंग्लिश टीम के बल्लेबाजों की विफलता पर कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि बेन स्टोक्स की अगुवाई वाली टीम को अपने

IANS News
By IANS News March 10, 2024 • 17:32 PM
Dharamshala: Players of England during a training session ahead of the fifth Test cricket match betw
Dharamshala: Players of England during a training session ahead of the fifth Test cricket match betw (Image Source: IANS)
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इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 4-1 से मिली हार के बाद इंग्लिश टीम के बल्लेबाजों की विफलता पर कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि बेन स्टोक्स की अगुवाई वाली टीम को अपने प्रदर्शन को लेकर सही राय देने की जरूरत है।

इंग्लैंड अपनी आक्रामक खेल शैली, जिसे 'बैज़बॉल' कहा जाता है, उसके कारण कोई श्रृंखला न हारने के इरादे से भारत आया था। उन्होंने ओली पोप के 196 और टॉम हार्टले के सात विकेट की बदौलत हैदराबाद में शुरुआती टेस्ट 28 रन से जीतकर उम्मीदें भी जगाईं।

ऐसा लगने लगा कि इंग्लैंड की 'बैज़बॉल" के आगे टीम इंडिया भी घुटने टेक देगी, लेकिन भारत ने दमदार वापसी करते हुए पासा ऐसा पलटा कि बेन स्टोक्स की टीम हैरान रह गई।

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हैदराबाद में शुरुआती जीत के बाद इंग्लैंड विशाखापत्तनम, राजकोट, रांची और धर्मशाला में अगले चार मैच हार गया, जहां उन्होंने बल्ले से बेहद खराब प्रदर्शन किया। आलम यह रहा कि स्टोक्स-मैकुलम शासन के तहत इंग्लैंड पहली बार टेस्ट श्रृंखला हारी।

वॉन ने कहा, "भारत में सीरीज में करारी हार के बाद मेरा दृढ़ विश्वास है कि इस समय इंग्लैंड की टीम के लिए ईमानदारी की खुराक सबसे महत्वपूर्ण चीज है। मुझे नहीं लगता कि उन्हें सब कुछ बदलने की जरूरत है। वे इस तरह से बेहतर खेल रहे हैं और टीम जो करने की कोशिश कर रही है, मैं उसका सम्मान करता हूं।

वॉन ने रविवार को द टेलीग्राफ के लिए अपने कॉलम में लिखा, ''दुख की बात यह है कि उनके पास यह करने की क्षमता है और उन्होंने पूरी दुनिया में यह साबित किया। इसलिए उन्होंने दो बड़ी सीरीज में जीत हासिल की, लेकिन इस बार उनकी बल्लेबाजी बुरी तरह विफल रही।''

उन्होंने यह भी महसूस किया कि धर्मशाला में पांचवें और अंतिम टेस्ट में जॉनी बेयरस्टो के बल्ले से प्रदर्शन ने भारत दौरे में इंग्लैंड की बल्लेबाजी का सार प्रस्तुत किया।

बेयरस्टो ने अपने स्ट्रोकप्ले से कुछ हद तक रोमांचित किया। उन्होंने दस पारियों में 23.80 की औसत से 238 रन बनाए।

"इंग्लैंड की बल्लेबाजी इस दौरे पर एक वास्तविक चिंता थी। मैंने धर्मशाला में जॉनी बेयरस्टो को उनके 100वें टेस्ट में देखा था, और मुझे लगा कि उनकी दो पारियां इस बात का प्रतीक हैं कि यह टीम क्या बन रही है। मैं इसे क्लिकबैट बल्लेबाजी कहूंगा। वे यह हासिल करने के लिए शॉट खेल रहे हैं कि उनकी फोटो खींची जाए,पसंद किया जाए और फॉलो किया जाए।''

उन्हें भारत में जीतने के लिए जो रूट जैसे तीन खिलाड़ियों की जरूरत थी और यहां तक कि उन्हें भी सही तरीके से खेलने के लिए तीन टेस्ट मैचों में खराब प्रदर्शन की आलोचना झेलनी पड़ी।

वॉन इस बात से भी चिंतित थे कि टेस्ट मैचों में बल्लेबाजी की रक्षात्मक शैली इंग्लैंड के बल्लेबाजों के प्रदर्शन से दूर जा रही है, जो एक चिंता का विषय है।


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