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रवि शास्त्री का टेस्ट मैचों में टू टियर सिस्टम लागू करने का सुझाव

टी20 क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता के बीच कमजोर होते टेस्ट क्रिकेट को बचाने के लिए पूर्व भारतीय ऑलराउंडर रवि शास्त्री ने टेस्ट मैचों के लिए टू टियर सिस्टम लागू करने का सुझाव दिया है। शास्त्री का कहना है कि टेस्ट

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ENG v IND, 5th Test: No better person to take over after me than Rahul, says Ravi Shastri
ENG v IND, 5th Test: No better person to take over after me than Rahul, says Ravi Shastri (Image Source: IANS)
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By IANS News
Jul 09, 2024 • 05:50 PM

टी20 क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता के बीच कमजोर होते टेस्ट क्रिकेट को बचाने के लिए पूर्व भारतीय ऑलराउंडर रवि शास्त्री ने टेस्ट मैचों के लिए टू टियर सिस्टम लागू करने का सुझाव दिया है। शास्त्री का कहना है कि टेस्ट मैच टॉप की 6 टीमों के बीच खेला जाए तो यह दर्शकों को रोमांचित कर सकता है।

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July 09, 2024 • 05:50 PM

रवि शास्त्री भारत के पूर्व हेड कोच भी रह चुके हैं और उन्होंने ये सुझाव मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) द्वारा आयोजित एक सेमिनार में दिए। इस समय दुनिया में टी20 क्रिकेट कई घरेलू लीग में खेला जा रहा है। टेस्ट क्रिकेट में टू टियर सिस्टम दर्शकों के लिए खास हो सकता है।

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शास्त्री का मानना है कि मौजूदा 12 टेस्ट खेलने वाले देशों को दो भागों में बांटा जा सकता है। इसमें टॉप की 6 टीमें आपस में खेलें ताकि दर्शकों को मजबूत टीमों के बीच लगातार कड़े मुकाबले देखने को मिलें। असल में जब एक मजबूत और कमजोर टीम के बीच टेस्ट क्रिकेट खेला जाता है तो उसके एकतरफा होने के चांस ज्यादा होते हैं। जबकि ऐसी दो टीमों के बीच टी20 क्रिकेट रोमाचंक हो सकता है। हाल में सम्पन्न हुए टी20 विश्व कप के जरिए ऐसा देखा जा चुका है कि अफगानिस्तान की टीम कैसे ऑस्ट्रेलिया जैसी बड़ी टीम को सुपर-8 में मात देकर प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में पहुंची थी।

जबकि, टेस्ट क्रिकेट काफी लंबा होता है जिसमें कुल चार पारियां होती हैं, जिसके चलते मजबूत टीमों के पास खराब प्रदर्शन के बावजूद वापसी के काफी चांस रहते हैं। शास्त्री के टू टियर सिस्टम के मुताबिक जब मैच बड़ी टीमों के बीच होंगे तो वहां क्वालिटी देखने के लिए मिलेगी और दर्शकों की संख्या खुद बढ़ेगी। शास्त्री ने इसके लिए प्रमोशन-रेलीगेशन का भी सुझाव दिया है।

प्रमोशन-रेलीगेशन को पदोन्नति-पतन भी कह सकते हैं, जहां अच्छा प्रदर्शन करने वाली टीमों को टॉप टियर में जगह मिलेगी और खराब प्रदर्शन करने वाली टीमें निचले टियर में खेलेंगी। निचले टियर के पास भी टॉप टीमों के खिलाफ खेलने का मौका होगा क्योंकि इस टियर की बेस्ट टीम को टॉप टियर में भेजा जा सकता है।

जबकि, टेस्ट क्रिकेट काफी लंबा होता है जिसमें कुल चार पारियां होती हैं, जिसके चलते मजबूत टीमों के पास खराब प्रदर्शन के बावजूद वापसी के काफी चांस रहते हैं। शास्त्री के टू टियर सिस्टम के मुताबिक जब मैच बड़ी टीमों के बीच होंगे तो वहां क्वालिटी देखने के लिए मिलेगी और दर्शकों की संख्या खुद बढ़ेगी। शास्त्री ने इसके लिए प्रमोशन-रेलीगेशन का भी सुझाव दिया है।

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ये पहली बार नहीं है जब टेस्ट क्रिकेट के लिए प्रमोशन-रेलीगेशन की पैरवी की गई है। इंग्लैंड के महान ऑलराउंडर इयान बॉथम भी ऐसा सुझाव दे चुके हैं। खेल के अन्य दिग्गजों ने भी टेस्ट क्रिकेट को टॉप-6 टीमों के बीच करने की बात कही है ताकि रोमांच बरकरार रहे। इस समय ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और भारत को छोड़कर बाकी देशों में टेस्ट मैचों को लेकर बहुत ज्यादा उत्सुकता देखने के लिए नहीं मिल रही है।

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