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प्रियांक पांचाल ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से लिया संन्यास, टीम इंडिया से कभी नहीं मिला खेलने का मौका

New Zealand A: घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छे प्रदर्शन के बाद भी टीम इंडिया में कभी मौका नहीं बना सके गुजरात के दिग्गज सलामी बल्लेबाज प्रियांक पांचाल ने सोमवार को क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने की घोषणा की।

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Priyank Panchal to lead India A against New Zealand A; Tilak, Kuldeep also part of squad, skp
Priyank Panchal to lead India A against New Zealand A; Tilak, Kuldeep also part of squad, skp (Image Source: IANS)
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By IANS News
May 26, 2025 • 10:38 PM

New Zealand A: घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छे प्रदर्शन के बाद भी टीम इंडिया में कभी मौका नहीं बना सके गुजरात के दिग्गज सलामी बल्लेबाज प्रियांक पांचाल ने सोमवार को क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने की घोषणा की।

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May 26, 2025 • 10:38 PM

प्रियांक पांचाल ने भारतीय ए टीम और गुजरात क्रिकेट टीम की सभी फॉर्मेट में कप्तानी की। 2016-2017 में अपनी कप्तानी में उन्होंने गुजरात को रणजी ट्रॉफी का चैंपियन बनाया था। इस सीजन 87.33 की औसत से 1,310 रन बनाकर प्रियांक शीर्ष स्कोरर रहे थे। वह 2015-16 में विजय हजारे ट्रॉफी और 2012-13 तथा 2013-2014 में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी जीतने वाली गुजरात टीम का हिस्सा रहे थे।

प्रियांक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखे एक लंबे पोस्ट में संन्यास की घोषणा की। उन्होंने लिखा, "यह एक भावनात्मक क्षण है। मैं अपने उन प्रशंसकों का बेहद आभारी हूं जो हमेशा मुझे भारतीय टीम की जर्सी में देखना चाहते थे। मैंने उनके भेजे हर संदेश पढ़े हैं और उसी प्रेरणा की वजह से मेरी क्रिकेट यात्रा अब तक जारी रही थी।"

प्रियांक ने अपने पिता के लिए लिखा, "मैं भी अलग नहीं था। मेरे पिता मेरे लिए लंबे समय तक ताकत का स्रोत रहे। उन्होंने मुझे जो ऊर्जा दी, जिस तरह से उन्होंने मुझे अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया, एक अपेक्षाकृत छोटे शहर से उठकर एक दिन भारत की कैप पहनने की हिम्मत दी, उससे मैं बहुत प्रभावित हुआ। वह हमें बहुत पहले छोड़ गए, और यह एक ऐसा सपना था जिसे मैं लगभग दो दशकों तक, हर सीजन में, आज तक अपने साथ लेकर चलता रहा।"

पांचाल ने लिखा, "इस यात्रा में मेरी मां और बहन दोनों का बड़ा सहयोग रहा और उन्होंने मुझे बेहतर बनने में मदद की। मुझे जब-जब लगा कि आत्मविश्वास टूट रहा है, दोनों मेरे साथ खड़ी रहीं। उन्होंने मुझे उड़ने का हौसला दिया था साथ ही पैर हमेशा जमीन पर रखने की नसीहत भी। मैंने जो कुछ भी हासिल किया यह इनके बिना नहीं हो सकता था।" प्रियांक ने अपनी पत्नी को उन पर हमेशा भरोसा बनाए रखने और सहयोग देने के लिए धन्यवाद दिया है।

प्रियांक ने अपने पिता के लिए लिखा, "मैं भी अलग नहीं था। मेरे पिता मेरे लिए लंबे समय तक ताकत का स्रोत रहे। उन्होंने मुझे जो ऊर्जा दी, जिस तरह से उन्होंने मुझे अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया, एक अपेक्षाकृत छोटे शहर से उठकर एक दिन भारत की कैप पहनने की हिम्मत दी, उससे मैं बहुत प्रभावित हुआ। वह हमें बहुत पहले छोड़ गए, और यह एक ऐसा सपना था जिसे मैं लगभग दो दशकों तक, हर सीजन में, आज तक अपने साथ लेकर चलता रहा।"

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Article Source: IANS

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