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पेरिस ओलंपिक में मेडल जीतने वाले स्वप्निल कुसाले को महाराष्ट्र सरकार ने किया एक करोड़ रुपए इनाम देने का ऐलान

Swapnil Kusale: पेरिस ओलंपिक में निशानेबाजी में कांस्य पदक जीतकर वैश्विक मंच पर देश का मान बढ़ाने वाले स्वप्निल कुसाले को महाराष्ट्र सरकार ने एक करोड़ रुपए का इनाम और रेलवे में अधिकारी के रैंक पर प्रमोशन देने का ऐलान

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Swapnil Kusale
Swapnil Kusale (Image Source: IANS)
IANS News
By IANS News
Aug 01, 2024 • 11:18 PM

Swapnil Kusale: पेरिस ओलंपिक में निशानेबाजी में कांस्य पदक जीतकर वैश्विक मंच पर देश का मान बढ़ाने वाले स्वप्निल कुसाले को महाराष्ट्र सरकार ने एक करोड़ रुपए का इनाम और रेलवे में अधिकारी के रैंक पर प्रमोशन देने का ऐलान किया है। 

IANS News
By IANS News
August 01, 2024 • 11:18 PM

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, “हमें स्वप्निल कुसाले पर गर्व है। उन्होंने वैश्विक मंच पर पूरे देश का नाम रोशन किया है। उन्होंने निशानेबाजी की 50 मीटर राइफल स्पर्धा में थ्री पोजीशन में कांस्य पदक जीता है।”

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उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी स्वप्निल के पिता से वीडियो कॉल पर बात की और उन्हें पेरिस ओलंपिक में उनके बेटे द्वारा भारत के नाम मेडल दिलाने को लेकर उन्हें बधाई दी। फडणवीस ने स्वप्निल के पिता से कहा, “आपके बेटे ने न केवल पूरे देश का नाम गर्व से ऊंचा किया, बल्कि महाराष्ट्र के सभी लोगों को गौरवान्वित कर दिया है, जो हम सभी के लिए खुशी की बात है।”

यह पदक महाराष्ट्र के लिए खास है, क्योंकि इससे पहले 1952 में हेलसिंकी ओलंपिक में खाशाबा जाधव ने कुश्ती में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीता था। अब 72 साल बाद स्वाप्निल कुसाले ने यह पदक भारत को दिलाया है।

स्वप्निल पर महेंद्र सिंह धोनी के जीवन का गहर असर पड़ा। जिस तरह से महेंद्र सिंह धोनी क्रिकेट की दुनिया में आने से पहले रेलवे में नौकरी किया करते थे, ठीक उसी प्रकार से स्वप्निल भी रेलवे में नौकरी करते हैं। पेरिस ओलंपिक में कमाल दिखाने के बाद अब उन्हें रेलवे में प्रमोशन देने का फैसला किया गया है। वे महेंद्र सिंह धोनी के शांत स्वभाव से खासा प्रभावित हुए हैं। यह शांत स्वभाव का नतीजा है कि वे निशानेबाजी में भारत के नाम मेडल लाने में सफल हुए।

यह पदक महाराष्ट्र के लिए खास है, क्योंकि इससे पहले 1952 में हेलसिंकी ओलंपिक में खाशाबा जाधव ने कुश्ती में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीता था। अब 72 साल बाद स्वाप्निल कुसाले ने यह पदक भारत को दिलाया है।

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Article Source: IANS

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