भारत में क्रिकेट ऐसा खेल है जिसे सभी खेलना चाहते हैं। दूसरे खेलों को छोड़कर खिलाड़ी क्रिकेट का रुख करते हैं। इसकी वजह क्रिकेट की लोकप्रियता और आर्थिक संपन्नता है। तेजस्विन शंकर ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने क्रिकेट छोड़कर एथलेटिक्स को चुना और मौजूदा समय में देश में ऊंची कूद के क्षेत्र में तेजी से उभरता बड़ा नाम हैं।
तेजस्विन शंकर का जन्म 21 दिसंबर 1998 को दिल्ली में एक तमिल परिवार में हुआ था। उनका निक नेम 'टीजे' है। तेजस्विन के पिता बीसीसीआई के वकील थे। इसलिए उनके बचपन का माहौल खेलकूद से परिपूर्ण था। तेजस्विन शंकर ने भी शुरुआत में क्रिकेट खेलना शुरू किया था। उनका कद लंबा है, इसलिए वे तेज गेंदबाजी करते थे। स्थानीय और स्कूली स्तर पर उनका प्रदर्शन अच्छा था, लेकिन अंडर-14 से अंडर-16 स्तर पर दिल्ली की टीम में उनका चयन नहीं हो सका। इससे उन्हें निराशा हुई और उनका ध्यान क्रिकेट से दूर जाने लगा।
क्रिकेट में असफलता से निराश होकर तेजस्विन शंकर ने स्कूल की सलाह पर एथलेटिक्स की ओर रुख किया। शुरुआत में उन्होंने 400 मीटर और ट्रिपल जंप में कोशिश की, लेकिन उन्हें हाई जंप में सफलता मिली। 2013 में दिल्ली राज्य चैंपियनशिप में उन्होंने कांस्य पदक जीता। इस सफलता के साथ ही क्रिकेट से नाता टूट गया। 2015 में कॉमनवेल्थ युवा खेल में स्वर्ण और 2016 में साउथ एशियन गेम्स में रजत पदक जीतने वाले शंकर ने उसी साल जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में 2.18 मीटर कूदकर 12 साल पुराना राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ दिया। 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में तेजस्विन शंकर ने हिस्सा लिया था और छठा स्थान हासिल किया था।